Andhra Pradesh: स्पीकर ने सत्ताधारी वाईएसआर कांग्रेस और विपक्षी दल तेलुगु देशम के चार-चार विधायकों को अयोग्य घोषित किया, जानिए पूरा मामला
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: February 28, 2024 08:45 AM2024-02-28T08:45:47+5:302024-02-28T08:52:05+5:30
आंध्र प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष तम्मीनेनी सीतारम ने बीते सोमवार को आठ विधायकों को दल-बदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य घोषित किया है।
अमरावती:आंध्र प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष तम्मीनेनी सीतारम ने बीते सोमवार को आठ विधायकों को दल-बदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य घोषित किया है। जानकारी के अनुसार अयोग्य किये गये विधायकों में सत्ताधारी वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के चार विधायक और विपक्षी दल तेलुगु देशम पार्टी के चार विधायक शामिल है।
समाचार वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार वाईएसआरसीपी के जिन विधायकों को अयोग्य ठहराया गया है, उनमें वेंकटगिरी के विधायक अनम रामनारायण रेड्डी, ताडिकोंडा के विधायक उंदावल्ली श्रीदेवी, नेल्लोर ग्रामीण के विधायक कोटामरेड्डी श्रीधर रेड्डी और उदयगिरी के विधायक मेकापति चंद्रशेखर रेड्डी का नाम शामिल है।
वहीं टीडीपी के जिन चार विधायकों को अयोग्य घोषित किया गया है, उनमें गुंटूर पश्चिम के विधायक मद्दली गिरी, चिराला के विधायक करणम बलराम, गन्नावरम के विधायक वल्लभनेनी वामसी और विजाग पश्चिम के विधायक वासुपल्ली गणेश शामिल हैं।
इस पूरे प्रकरण में सबसे दिलचस्प बात यह है कि दोनों दलों के आठों विधायकों को आंध्र प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव के की घोषणा से महज दो सप्ताह पहले अयोग्य घोषित किया गया है।
इस मामले में राज्य विधानमंडल के महासचिव डॉ. पी.पी.के. रामाचार्युलु ने आठ विधायकों को व्यक्तिगत रूप से भेजे गए पत्र में कहा कि वे 15वीं आंध्र प्रदेश राज्य विधानसभा के सदस्यों के रूप में अयोग्य हैं और उनकी सीटें खाली हो गई हैं।
आठ विधायकों की अयोग्यता सत्तारूढ़ वाईएसआरसीपी और टीडीपी द्वारा जनवरी में स्पीकर को दायर की गई याचिकाओं के बाद की गई थी। जबकि सरकार के मुख्य सचेतक मुदुनुरु प्रसाद राजू ने चार बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग करते हुए आरोप लगाया कि उन्होंने पार्टी व्हिप का उल्लंघन किया और पिछले साल मार्च में हुए विधान परिषद चुनाव में टीडीपी उम्मीदवार के पक्ष में मतदान किया था।
एक जवाबी याचिका में टीडीपी सचेतक डोला बाला वीरंजनेयस्वामी ने भी स्पीकर को एक याचिका सौंपी, जिसमें 2019 के विधानसभा चुनावों के तुरंत बाद वाईएसआरसीपी में शामिल होने वाले चार टीडीपी विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग की गई थी।