जगन मोहन रेड्डी सरकार ने राजधानी अमरावती को दूसरी जगह ले जाने पर फैसला टाला, जानें क्या है वजह

By भाषा | Updated: December 27, 2019 17:54 IST2019-12-27T17:54:21+5:302019-12-27T17:54:21+5:30

सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री पर्नी वेंकटरमैया ने कहा कि उच्चाधिकार समिति की रिपोर्ट मिलने के बाद उसके आधार पर राजधानी और संबंधित मुद्दों पर अंतिम फैसला किया जाएगा।

Andhra Pradesh Cabinet Defers Decision On Relocating State Capital | जगन मोहन रेड्डी सरकार ने राजधानी अमरावती को दूसरी जगह ले जाने पर फैसला टाला, जानें क्या है वजह

फाइल फोटो

Highlightsअमरावती में प्रस्तावित राजधानी के लिए जिन किसानों ने अपनी जमीन दी थी, वे पिछले दो-तीन दिनों से आंदोलन कर रहे हैंआंदोलनकारियों की मांग है कि सरकार आंध्रप्रदेश की राजधानी अन्य स्थान पर ले जाने की योजना छोड़ दे। 

राजधानी स्थानांतरण की खबरों पर लोगों में असंतोष फैलने के बाद आंध्रप्रदेश मंत्रिमंडल ने उसे दूसरी जगह ले जाने पर निर्णय शुक्रवार को टाल दिया। मंत्रिमंडलीय सूत्रों ने बताया कि राजधानी और संबंधित मुद्दों पर अपने फैसले को अंतिम रूप देने से पहले सरकार विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट और शीघ्र ही आने वाली अंतरराष्ट्रीय परामर्श कंपनी की रिपोर्ट का अध्ययन करने के लिए एक अन्य उच्चाधिकार प्राप्त समिति बनाएगी।

वैसे अटकलें थीं कि सरकार सेवानिवृत आईएएस अधिकारी जी एन राव की अगुवाई वाली छह सदस्यीय विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट के आधार पर राजधानी पर शीघ्र ही फैसला कर सकती है लेकिन सूत्रों ने कहा कि मंत्रिमंडल ने बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (बीसीजी) की रिपोर्ट का इंतजार करने का फैसला किया।

हालांकि मंत्रिमंडल ने जी एन राव समिति की सिफारिशों पर चर्चा की। सरकार ने इस अंतरराष्ट्रीय परामर्श कंपनी को राजधानी के विकास, उस पर आने वाले खर्च और अन्य संबंधित विषयों का अध्ययन करने का कामम सौंपा था। बीसीजी ने कुछ दिन पहले वाई एस जगनमोहन रेड्डी को अंतरिम रिपोर्ट सौंपी थी। ऐसी संभावना है कि तीन जनवरी, 2020को बीसीजी अंतिम रिपोर्ट सौंपेगी। उसके बाद सरकार जी एन राव समिति और अंतरराष्ट्रीय परामर्श कंपनी की रिपोर्ट का विश्लेषण करने के लिए नौकरशाहों की उच्चाधिकार समिति बनाएगी।

सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री पर्नी वेंकटरमैया ने कहा कि उच्चाधिकार समिति की रिपोर्ट मिलने के बाद उसके आधार पर राजधानी और संबंधित मुद्दों पर अंतिम फैसला किया जाएगा। मंत्रिमंडल की बैठक के बाद उन्होंने कहा, ‘‘ हम किसानों की राय पर भी गौर करेंगे जिन्होंने अमरावती के विकास के लिए अपनी उपजाऊ जमीन दी है। हम राजधानी मुद्दे पर कोई भी निर्णय करने से पहले उनकी शिकायतें सुनेंगे।’’

मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने 17 दिसंबर को संकेत दिया था कि दक्षिण अफ्रीका की तर्ज पर आंध्रप्रदेश की तीन राजधानियां हो सकती हैं क्योंकि विकेंद्रीकरण वास्तविक अवधारणा है। उन्होंने कहा था कि वर्तमान राजधानी अमरावती विधायी राजधानी और विशाखापत्तनम कार्यपालिका की राजधानी तथा कुर्नुल न्यायिक राजधानी हो सकती है। अमरावती में प्रस्तावित राजधानी के लिए जिन किसानों ने अपनी जमीन दी थी, वे पिछले दो-तीन दिनों से आंदोलन कर रहे हैं और मांग कर रहे हैं कि सरकार आंध्रप्रदेश की राजधानी अन्य स्थान पर ले जाने की योजना छोड़ दे। 

Web Title: Andhra Pradesh Cabinet Defers Decision On Relocating State Capital

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