ओडिशा: अमित शाह की इस रणनीति ने बढ़ाया BJP का जनाधार, 'बागी' और 'नौकरशाहों' की फौज से लड़ी लड़ाई!

By आदित्य द्विवेदी | Published: May 25, 2019 12:04 PM2019-05-25T12:04:36+5:302019-05-25T12:04:36+5:30

लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी ने ओडिशा में 8 सीटों पर जीत हासिल की है। वहीं ओडिशा विधानसभा चनाव 2019 में बीजेपी राज्य में दूसरे नंबर की पार्टी बन गई है।

Amit Shah's strategy in Lok Sabha Elections 2019 Odisha increased the support of BJP, prepared 'rebel' and 'bureaucrats' army | ओडिशा: अमित शाह की इस रणनीति ने बढ़ाया BJP का जनाधार, 'बागी' और 'नौकरशाहों' की फौज से लड़ी लड़ाई!

अमित शाह- नवीन पटनायक

Highlightsबीजेपी के प्रमुख विजेताओं में केंद्रीय मंत्री जुएल ओरांव, बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव सुरेश पुजारी, पूर्व नौकरशाह अपराजिता सारंगी शामिल हैं। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बैजयंत पांडा और राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा का नाम हारने वालों की सूची में शामिल हो गया है।

लोकसभा चुनाव नतीजे आने के बाद ओडिशा चर्चा के केंद्र में बना हुआ है। यहां भारतीय जनता पार्टी ने अप्रत्याशित सफलता हासिल की है। सूबे की 21 लोकसभा सीटों में से बीजेपी ने आठ सीटें झटक ली हैं। बीजू जनता दल को 12 और कांग्रेस को महज एक सीट पर जीत मिली है। साल 2014 में हुए चुनाव में भगवा दल को राज्य में एक सीट से संतोष करना पड़ा था। बीजेपी के प्रमुख विजेताओं में केंद्रीय मंत्री जुएल ओरांव, बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव सुरेश पुजारी, पूर्व नौकरशाह अपराजिता सारंगी शामिल हैं। 

बीजेपी की रणनीति

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह को पिछले साल जून में ओडिशा का प्रभारी बनाया था। अरुण सिंह ने स्थानीय मुद्दों को उठाने की रणनीति बनाई। इसके अलावा वैजयंत जय पांडा जैसे मजबूत चेहरों को पार्टी में शामिल कराया। कई पूर्व नौकरशाहों को पार्टी में शामिल कराना भी बीजेपी की रणनीति का हिस्सा था। सिंह ने बड़े और अहम नेताओं के चुनाव प्रचार का कार्यक्रम तय किया। जिसके दम पर ओडिशा में बीजेपी कमल खिलाने में कामयाब रही। इस चुनाव में बीजेपी को प्रदेश में 38.37 प्रतिशत वोट हासिल हुए।

ओडिशा में लिया राधे-कृष्ण का सहारा

ओडिशा में राधा-कृष्ण के नारे के सहारे मतदाताओं को समझाने की कोशिश की गई। राधे को लक्ष्मी बताते हुए हुए उनके आसन कमल को भाजपा के चुनाव चिह्न से जोड़ा गया, वहीं कृष्ण को शंख से जोड़ा गया, जो बीजद का चुनाव चिह्न है। इस प्रकार मतदाताओं को लक्ष्मी का आसन याद रह गया।

बीजेपी के इन आठ प्रत्याशियों को मिली जीत

1. प्रताप चंद्र सारंगी

ओडिशा की बालासोर लोकसभा सीट पर भाजपा के प्रताप चंद्र सारंगी ने 17वें लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की है। प्रताप चंद्र सारंगी ने बीजेडी के रबिन्द्र कुमार जेना को 12,956 वोटों से हराया है। 2014 में यहां बीजेडी के रबींद्र कुमार जेना जीते थे।

2. सुरेश पुजारी

बारगढ़ लोकसभा सीट से सुरेश पुजारी ने 63939 वोटों से जीत दर्ज की। बारगढ़ सीट विवादों में रही थी क्योंकि इस सीट से टिकट कटने के बाद बीजेपी के सुभाष चौहान ने इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान पर साजिश के आरोप लगाए थे।

3. अपराजिता सारंगी

भुवनेश्वर लोकसभा सीट से अपराजिता सारंगी ने 23839 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की। पूर्व आईएएस अधिकारी अपराजिता सारंगी ने 11 साल की सेवा के बाद 2018 में बीजेपी ज्वॉइन किया था। उन्होंने बीजेडी के अरूप पटनायक को हराया है जिन्हें मुंबई पुलिस के तेजतर्रार कमिश्नर के रूप में जाना जाता है।

4. संगीता कुमारी सिंह देव

बलांगीर लोकसभा सीट पर बीजेपी की संगीता कुमारी सिंह देव ने लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की है। संगीता कुमारी ने बीजद के कलिकेश नारायण सिंह देव को 19,516 वोटों से हराया है।

5. बसंत कुमार पांडा

ओडिशा में कालाहांडी लोकसभा सीट पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बसंत कुमार पांडा जीत हासिल की है। बसंत कुमार पांडा ने बीजद के पुष्पेंद्र सिंह देव को 26,814 वोटों से हराया है।

6. विशेश्वर तुडु

ओडिशा की मयूरभंज लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के विशेश्वर तुडु ने 25256 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की है।

7. नितेश गंगा देब

संबलपुर लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के नितेश गंगा देब ने 9162 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की। कांग्रेस विधायक नितेश ने 2014 में बीजेपी ज्वाइन किया था। उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर अनदेखी करने का आरोप लगाया था।

8. जुएल उरांव

केंद्रीय मंत्री जुएल उरांव ने सुंदरगढ़ लोकसभा सीट से 223065 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की है। जुएल उरांव पहली बार 1998 में इसी सीट से लोकसभा चुनाव जीते थे। और 1999 में भी अपनी जीत दोहराया।

हार गए बैजयंत पांडा

भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बैजयंत पांडा और राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा का नाम हारने वालों की सूची में शामिल हो गया है। बैजयंत और संबित भले ही चुनाव हार गए लेकिन उनकी रणनीतियों और चुनाव प्रचार का असर पूरे ओडिशा पर पड़ा। पांडा केंद्रपाड़ा से बीजेडी के सांसद रह चुके है। वहीं पुरी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने वाले बीजेपी के स्टार प्रवक्ता संबित पात्रा कड़े मुकाबले में पिनाकी मिश्र से सिर्फ 11714 वोटों से हार गए। हालांकि बीजेपी नेताओं की मेहनत की बदौलत पार्टी 38.37 प्रतिशत वोट पाने में सफल रही।

विधानसभा चुनाव में बनी दूसरी सबसे बड़ी पार्टी

ओडिशा में बीजेपी ने विधानसभा चुनावों में भी शानदार प्रदर्शन किया है। पार्टी ने कांग्रेस को तीसरे नंबर पर धकेलते हुए मुख्य विपक्षी दल का दर्जा हासिल कर लिया। बीजेपी ने  32.50 फीसदी मत प्राप्त करते हुए विधानसभा में 23 सीटें जीती है।

English summary :
Lok Sabha Elections 2019 Odisha: How and what strategy of BJP chief Amit Shah's worked in Odisha Lok Sabha Chunav 2019.


Web Title: Amit Shah's strategy in Lok Sabha Elections 2019 Odisha increased the support of BJP, prepared 'rebel' and 'bureaucrats' army



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