गुजरात के गांधीनगर संसदीय सीट से लोकसभा चुनाव 2019 के लिए बीजेपी ने पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को टिकट दिया है। इस सीट से बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी सांसद हैं और उनका टिकट इस बार कट गया है। पिछले 30 सालों से यह सीट बीजेपी के कब्जे में हैं। लोकसभा चुनाव 2014 में लालकृष्ण आडवाणी इस सीट पर 4.83 लाख वोटों से विजयी हुए थे।
1996 में लखनऊ के साथ गांधीनगर से भी जीते थे अटल
1991 में पहली बार आडवाणी ने इस सीट से चुनाव लड़ा था और करीब 1.25 लाख वोटों से जीत हासिल की थी। हवाला कांड में नाम आने के बाद आडवाणी ने संसद की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था और कहा था कि पाक-साफ होने के बाद ही वो संसद में कदम रखेंगे। लोकसभा चुनाव 1996 में आडवाणी के नहीं लड़ने के कारण पार्टी ने पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी को लखनऊ के साथ गांधीनगर से भी चुनाव लड़ाया।
अटल ने गांधीनगर सीट पर 1.89 लाख वोटों से जीत हासिल की थी। इस लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 161 सीटों पर जीत हासिल की थी। अटल बिहारी वाजपेयी पहली बार 13 दिनों के लिए प्रधानमंत्री बने थे। हालांकि बाद में उन्होंने यह सीट छोड़ दी। 1998 से आडवाणी लगातार इस सीट से सांसद रहे हैं।
1991 में आडवाणी का चुनाव प्रचार देखते थे अमित शाह
उस समय 27 साल के युवा नेता अमित शाह बीजेपी में अपनी पैठ बनाने की कोशिश कर रहे थे। आडवाणी पहली बार 1991 में गांधीनगर सीट से चुनाव लड़ने जा रहे थे। वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उस समय आडवाणी की टीम के प्रमुख सदस्य थे। बीबीसी में छपी रिपोर्ट के अनुसार शाह ने मोदी से लालकृष्ण आडवाणी का चुनाव प्रचार संभालने की इच्छा जताई। शाह ने कहा कि उनके पिता माणसा, जो गांधीनगर लोकसभा क्षत्र में आता है, के एक प्रतिष्ठित व्यापारी रहे हैं और वह गांधीनगर के राजनीतिक समीकरणों से अच्छी तरह जानते हैं। आडवाणी को मिली जीत के बाद शाह ने पार्टी में अच्छी पहचान बना ली।
गुजरात की सभी 26 सीटें बीजेपी के कब्जे में
लोकसभा चुनाव 2014 में बीजेपी ने गुजरात की सभी 26 सीटों पर जीत हासिल की थी। गुजरात में सभी सीटों पर तीसरे चरण में 23 अप्रैल को मतदान होंगे और 23 मई को मतगणना होगी।