नरोदा गाम दंगा मामलाः 'पूर्व मंत्री के लिए BJP अध्यक्ष शाह की गवाही बचाव पक्ष का समर्थन नहीं करती'
By भाषा | Published: August 13, 2018 08:43 PM2018-08-13T20:43:06+5:302018-08-13T20:43:06+5:30
न्यायाधीश एम के दवे की अध्यक्षता वाली विशेष अदालत में अपनी लिखित दलील में पीड़ितों के वकील शमशाद पठान ने कहा कि शाह को बचाव पक्ष के गवाह के रूप में लाया गया, लेकिन दंगे के मामले में उनकी गवाही बचाव पक्ष का समर्थन नहीं करती है।
अहमदाबाद, 13 अगस्त: नरोदा गाम दंगा मामले में गुजरात की पूर्व मंत्री माया कोडनानी के लिए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की गवाही अभियोजन पक्ष के गवाहों के बयानों का समर्थन करती है, जिन्होंने कहा था कि दंगे के दिन वह प्रभावित इलाकों में देखी गई थीं। पीड़ितों के वकील ने अदालत में सोमवार को यह बात कही। कोडनानी (62) सहित 82 लोग नरोदा गाम दंगा मामले में आरोपी हैं।
न्यायाधीश एम के दवे की अध्यक्षता वाली विशेष अदालत में अपनी लिखित दलील में पीड़ितों के वकील शमशाद पठान ने कहा कि शाह को बचाव पक्ष के गवाह के रूप में लाया गया, लेकिन दंगे के मामले में उनकी गवाही बचाव पक्ष का समर्थन नहीं करती है।
उन्होंने कहा कि शाह की गवाही ना तो पूर्व बीजेपी विधायक कोडनानी के पक्ष में है और ना ही नरोदा गाम में दंगे की ‘साजिश’ रचने वाले अन्य लोगों के पक्ष में है। गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस को जलाये जाने के बाद नरोदा में दंगा हुआ था।
पीड़ितों के पक्ष की ओर से प्रस्तुत दलील में कहा गया है कि पिछले साल सितंबर में कोडनानी के लिए गवाही देने वाले शाह ने अदालत को बताया था कि दंगे के दिन सुबह साढ़े आठ बजे उन्होंने कोडनानी को गांधीनगर स्थित राज्य विधानसभा और उसके बाद सुबह करीब 11-11:15 बजे अहमदाबाद के सोला सिविल अस्पताल में देखा था। शाह ने अदालत में अपनी गवाही में कहा था कि उन्हें इस बारे में नहीं मालूम है कि बीच के समय में कोडनानी कहां थीं।
पठान ने अपनी लिखित दलील में कहा है कि हबीब मियां और उमराव बानो ने अपनी गवाही में कहा है कि कोडनानी को सुबह नौ से साढ़े नौ बजे के बीच दंगा स्थल के आसपास अन्य आरोपियों के साथ देखा गया था और वह अन्य को ‘योजना के अनुसार चीजों को करने’ के लिए कह रही थीं।
उन्होंने कहा कि सात से आठ अन्य लोगों ने भी अपनी गवाही में कहा है कि उन्होंने दंगे के दिन सुबह नौ से साढ़े नौ बजे के बीच कोडनानी को नरोदा गाम के पास देखा था। पठान ने कहा कि इस प्रकार भाजपा अध्यक्ष की गवाही अभियोजन पक्ष का समर्थन करती है, जिसने कहा है कि कोडनानी उस दौरान दंगा प्रभावित इलाके में मौजूद थीं।
गोधरा में ट्रेन में आगजनी के एक दिन बाद 28 फरवरी को नरोदा गाम में हुए दंगे में एक अल्पसंख्यक समुदाय के 11 लोगों की मौत हो गयी थी।