नए आपराधिक कानून का अमित शाह ने किया बचाव, बोले- 'न्याय ने सजा की जगह ली', विपक्ष से राजनीति न करने को कहा

By मनाली रस्तोगी | Updated: July 1, 2024 14:20 IST2024-07-01T14:19:38+5:302024-07-01T14:20:50+5:30

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जनता को आश्वस्त किया कि सोमवार को औपनिवेशिक युग के कानूनों की जगह लेने वाले तीन नए आपराधिक कानून सजा के बजाय न्याय प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करेंगे।

Amit Shah Defends New Criminal Laws, Asks Opposition Not To Do Politics | नए आपराधिक कानून का अमित शाह ने किया बचाव, बोले- 'न्याय ने सजा की जगह ली', विपक्ष से राजनीति न करने को कहा

नए आपराधिक कानून का अमित शाह ने किया बचाव, बोले- 'न्याय ने सजा की जगह ली', विपक्ष से राजनीति न करने को कहा

Highlightsसंसद पुस्तकालय में मीडिया को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि सुधार से न्यायिक प्रक्रिया की गति को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।शाह ने कहा कि नए आपराधिक कानूनों में धाराओं और अध्यायों की प्राथमिकता भारतीय संविधान की भावना के अनुरूप है। उन्होंने कहा कि 'दंड' की जगह अब 'न्याय' हो गया है।

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जनता को आश्वस्त किया कि सोमवार को औपनिवेशिक युग के कानूनों की जगह लेने वाले तीन नए आपराधिक कानून सजा के बजाय न्याय प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करेंगे। नए कानूनों पर विपक्ष द्वारा उठाई गई चिंताओं का जवाब देते हुए शाह ने कहा कि भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली पूरी तरह से स्वदेशी होती जा रही है।

संसद पुस्तकालय में मीडिया को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि सुधार से न्यायिक प्रक्रिया की गति को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। शाह ने कहा, "विपक्ष के मित्र मीडिया के सामने तरह-तरह की बातें कह रहे हैं। लोकसभा में 9.29 घंटे चर्चा हुई और 34 सदस्यों ने इसमें हिस्सा लिया। राज्यसभा में 6 घंटे से ज्यादा चर्चा हुई। चर्चा में 40 सदस्यों ने भाग लिया।" 

उन्होंने आगे कहा, "यह भी गलत कहा जा रहा है कि सदस्यों को बाहर भेजने (निलंबित) करने के बाद यह विधेयक लाया गया। बिल बिजनेस एडवाइजरी कमेटी के समक्ष पहले ही सूचीबद्ध हो चुका था।" शाह ने कहा कि देश की आजादी के 75 साल बाद इन नए कानूनों पर विचार किया गया और बाद में औपनिवेशिक कानूनों को खत्म कर दिया गया।

उन्होंने कहा, "'दंड' की जगह अब 'न्याय' हो गया है। देरी के बजाय स्पीडी ट्रायल और त्वरित न्याय मिलेगा। पहले केवल पुलिस के अधिकार सुरक्षित थे लेकिन अब पीड़ितों और शिकायतकर्ताओं के अधिकार भी सुरक्षित रहेंगे।" प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान शाह ने कहा कि नए आपराधिक कानूनों में धाराओं और अध्यायों की प्राथमिकता भारतीय संविधान की भावना के अनुरूप है। 

शाह ने कहा, "पहली प्राथमिकता महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों को दी गई है। मेरा मानना ​​है कि इसे बहुत पहले किये जाने की जरूरत थी। 35 अनुभागों और 13 प्रावधानों वाला एक संपूर्ण अध्याय जोड़ा गया है। अब सामूहिक बलात्कार पर 20 साल की कैद या आजीवन कारावास, नाबालिग से बलात्कार पर मौत की सजा, अपनी पहचान छिपाकर या झूठे वादे करके यौन शोषण के लिए एक अलग अपराध परिभाषित किया गया है।"

Web Title: Amit Shah Defends New Criminal Laws, Asks Opposition Not To Do Politics

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