निठारी: कोरोना वायरस (Coronavirus) के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए पूरे देश को 3 मई तक के लिए लॉकडाउन किया गया है। मगर इस बीच कई लोग ऐसे हैं, जिनके पास न ही खाने को ज्यादा कुछ बचा है और न ही दवा लेने के लिए पैसे बचे हैं। उत्तर प्रदेश के निठारी जिले की रहने वाली एक महिला के भी कुछ ऐसे ही हाल हैं।
इस महिला का कहना है कि वह घर-घर जाकर काम करती है, लेकिन लॉकडाउन के बीच वो अपनी 14 साल की बेटी के लिए सबसे ज्यादा चिंतित हैं। दरअसल, महिला ने बताया कि उसकी बेटी हृदय रोग से पीड़ित है। उसे दवाओं की जरूरत है, लेकिन उसके लिए दवा खरीदने का पैसा परिजनों के पास नहीं है। महिला ने आगे बताया कि उसके पति एक रिक्शा चालक हैं, लेकिन लॉकडाउन के बीच उनके पास कोई काम नहीं है, जिसकी वजह से उनके पास बेटी की दवा लेने के पैसा नहीं हैं।
बताते चलें कि उत्तर प्रदेश में अभी तक कुल 969 मरीज कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इसमें से कोरोना के कारण 14 लोग अपनी जान गवां चुके हैं, जबकि 86 ठीक भी हुए हैं। वहीं, देश में कोरोना वायरस के कारण स्थिति बेहद गंभीर हो चुकी हो। कोविड-19 (COVID-19) ने अब तक कुल 15,712 लोगों को अपनी गिरफ्त में ले लिया है, जिसकी वजह से जहां 507 लोगों की मृत्यु हो चुकी है तो वहीं 2,231 लोग ठीक भी हो चुके हैं।