अमरनाथ यात्राः हाई अलर्ट जारी, इंटरनेशनल बार्डर पर सुरंग की मौजूदगी, जानें हर अपडेट

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: May 5, 2022 15:40 IST2022-05-05T15:39:41+5:302022-05-05T15:40:57+5:30

Amarnath Yatra: सुरंग का पता लगाने के लिए सीमा सुरक्षाबल ने 22 अप्रैल को जम्मू के निकट जलालाबाद सुंजवां में जैशे मुहम्मद के दो आतंकियों के मारे जाने के बाद से ही अभियान चला रखा था।

Amarnath Yatra High alert issued tunnel on international border jammu kashmir pakistan bsf | अमरनाथ यात्राः हाई अलर्ट जारी, इंटरनेशनल बार्डर पर सुरंग की मौजूदगी, जानें हर अपडेट

अमरनाथ की वार्षिक तीर्थयात्रा को नुकसान पहुंचाने की पाकिस्तान समर्थित आतंकियों की एक बड़ी साजिश को नाकाम बनाया है।

Highlightsसुंजवां के हमलावर भी इंटरनेशनल बार्डर से आए थे। मारे गए जैशे मुहम्मद के दोनों आतंकियों के इसी सुरंग से दाखिल होने का कोई सुबूत नहीं है।भारतीय सीमा के भीतर सीमा सुरक्षाबल के जवानों ने बुधवार की रात एक सुरंग का पता लगाया था।

जम्मूः दो सालों के उपारंत तीस जून को आरंभ होने जा रही अमरनाथ यात्रा को लेकर प्रदेश में हाई अलर्ट जारी किया गया है। बीएसएफ का दावा है कि उसने इंटरनेशनल बार्डर पर एक ना’पाक सुरंग का पता लगा कर ऐसी साजिश नाकाम बना दी है।

पुलिस ऐसा नहीं मानती है जिसका कहना है कि सुंजवां के हमलावर भी इंटरनेशनल बार्डर से आए थे। सीमा सुरक्षाबल जम्मू फ्रंटियर के महानिरीक्षक डीके बूरा ने बृहस्पतिवार को इंटरनेशनल बार्डर पर सुरंग की मौजूदगी की पुष्टि करते हुए दावा किया कि 22 अप्रैल को सुंजवां में मारे गए जैशे मुहम्मद के दोनों आतंकियों के इसी सुरंग से दाखिल होने का कोई सुबूत नहीं है।

उन्होंने कहा कि इस सुरंग का पता लगा हमारे सतर्क जवानों ने आगामी अमरनाथ की वार्षिक तीर्थयात्रा को नुकसान पहुंचाने की पाकिस्तान समर्थित आतंकियों की एक बड़ी साजिश को नाकाम बनाया है। इंटरनेशनल बार्डर के साथ सटे चक फकीरा के अग्रिम हिस्से पर इंटरनेशनल बार्डर से 150 मीटर दूर भारतीय सीमा के भीतर सीमा सुरक्षाबल के जवानों ने बुधवार की रात एक सुरंग का पता लगाया था।

यह सुरंग पाकिस्तान की तरफ से खोदी गई थी। इस क्षेत्र में सुरंग का पता लगाने के लिए सीमा सुरक्षाबल ने 22 अप्रैल को जम्मू के निकट जलालाबाद सुंजवां में जैशे मुहम्मद के दो आतंकियों के मारे जाने के बाद से ही अभियान चला रखा था। मारे गए आतंकियों को सुंजवां तक पहुंचाने वाले उनके गाइड व ओवरग्राउंड वर्कर ने पूछताछ में दावा किया था कि उन्हें सांबा के निकट सपवाल से ट्रक में बैठाकर लाया था।

पर पुलिस बीएसएफ के दावों से संतुष्ट नजर नहीं आती थी। पुलिस के सूत्रों के अनुसार, घुसपैठ करने वाले आतंकी ऐसी सुरंगों का इस्तेमाल करते रहे हैं और उन्होंने आशंका प्रकट की कि और भी आतंकी घुस चुके हैं जो अमरनाथ यात्रा के लिए खतरा साबित हो सकते हैं।

12 साल में मिली हैं 13 ना’पाक सुरंगें बार्डर पर

इंटरनेशनल बार्डर पर 2012 से अब तक 13 सुरंगों का पता लगाया जा चुका है। वर्ष 2012 और 2014 में अखनूर सेक्टर में दो सुरंगों का पता लगाया गया था। इसके अलावा, 2013 में सांबा सेक्टर में एक सुरंग मिली थी। वर्ष 2016 में दो और 2017 में भी दो सुरंगें मिली थीं।

जानकारी के लिए वर्ष 2016 में ही मार्च में भी बीएसएफ ने आरएसपुरा सेक्टर में एक सुरंग का पता लगाकर पाकिस्तान की साजिश को नाकाम कर दिया था। अखनूर सेक्टर में भी यही हुआ था। आरएस पुरा सेक्टर में मिली सुरंग 22 फीट लंबी थी। इसे बनाने के लिए लेेटेस्ट टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया था।

वर्ष 2016 के दिसंबर महीने में भी बीएसएफ को जम्मू के चमलियाल में 80 मीटर लंबी और 2 गुणा 2 फीट की एक सुरंग मिली थी। तब बीएसएफ ने कहा था कि सांबा सेक्टर में मारे गए तीन आतंकियों ने इसी का इस्तेमाल किया था। फरवरी 2017 में भी रामगढ़ सेक्टर में एक सुरंग का पता लगाया गया था।

उसका एक सिरा भारत और दूसरा पाकिस्तान में था। अक्तूबर 2017 में अरनिया सेक्टर में भी एक सुरंग मिली थी। सुरंगें मिलने वाले स्थान से जम्मू-पठानकोट राजमार्ग करीब 10 किमी की दूरी पर है और रेल लाइन 3 से 4 किमी की दूरी पर है।

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