Amarnath Yatra 2022: इस बार अमरनाथ यात्रियों को मिलेंगी ये दो नई सुविधाएं, 3 लाख से अधिक श्रद्धालुओं का हुआ पंजीकरण, 8 लाख यात्रियों का लक्ष्य
By सुरेश एस डुग्गर | Published: June 27, 2022 04:15 PM2022-06-27T16:15:45+5:302022-06-27T16:15:45+5:30
यात्रा के लिए तीन लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने पंजीकरण करवा लिया है। अमरनाथ की वार्षिक यात्रा 30 जून से शुरू हो रही है। पंजीकरण की प्रक्रिया यात्रा के अंत तक जारी रहेगी।
जम्मू: अमरनाथ श्राइन बोर्ड का टारगेट इस बार कम से कम 8 लाख श्रद्धालुओं को अमरनाथ यात्रा में शामिल करवाना है। इसके लिए वह करंट पंजीकरण को अंतिम दिन तक जारी रखने की इच्छा लिए हुए है। हालांकि अभी तक 3 लाख से ज्यादा का पंजीकरण हो चुका है।
इतना जरूर था कि यात्रा को इस बार हवाई क्षेत्र से ज्यादा खतरा महसूस हो रहा है और उसे हवाई सुरक्षा प्रदान की जाएगी जबकि पहली बार बालटाल के यात्रा मार्ग पर करीब पौने तीन किमी का सफर आनंदायक बनाने की खातिर श्राइन बोर्ड निशुल्क बैटरी कार चलाने जा रहा है।
यात्रा के लिए तीन लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने पंजीकरण करवा लिया है। अमरनाथ की वार्षिक यात्रा 30 जून से शुरू हो रही है। पंजीकरण की प्रक्रिया यात्रा के अंत तक जारी रहेगी। अमरनाथ यात्रा के लिए श्रद्धालुओं का पहला जत्था जिसमें साधु भी शामिल होंगे, यात्री निवास भगवती नगर जम्मू और राम मंदिर जम्मू से 29 जून को रवाना होगा।
यात्रा के दौरान हेलिकाप्टर सेवा को छोड़कर दोनों यात्रा मार्ग से रोजाना 10-10 हजार श्रद्धालुओं को रवाना किया जाएगा। पहली बार बालटाल से दोमेल तक के 2.75 किलोमीटर लंबे सफर के लिए बोर्ड ने निशुल्क बैटरी कार सेवा शुरू की है। अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार अब तक तीन लाख श्रद्धालुओं ने यात्रा के लिए पंजीकरण करवा लिया है। इसमें 13 वर्ष से कम की आयु 75 वर्ष से अधिक आयु वाले श्रद्धालुओं को यात्रा पर जाने की अनुमति नहीं है।
साल 2019 साल में 1 जुलाई से लेकर 1 अगस्त के बीच 3.42 लाख श्रद्धालुओं ने पवित्र गुफा के दर्शन किए थे। अनुच्छेद 370 समाप्त करने से पहले यात्रा को रोक दिया गया था। इस बार अमरनाथ की यात्रा में रिकार्ड तोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। यही वजह है कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए सरकार की ओर से प्रदेश के प्रवेश द्वार लखनपुर से लेकर बालटाल और पहलगाम और फिर पवित्र गुफा तक सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं।
इस बार पहली बार ड्रोन और आरएफआइडी यानि रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन डिवाइस से श्रद्धालु सुरक्षा एजेंसियों की आंख से पल भर के लिए भी ओझल नहीं हो सकेंगे। इस बार कोरोना संक्रमण के कारण दो वर्ष के उपरांत अमरनाथ की यात्रा शुरू हो रही है। प्रदेश पुलिस के अलावा अर्धसैनिक बलों के हजारों जवान विशेष रूप से तैनात किए गए हैं। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त रूप से सेना की राष्ट्रीय राइफल्स का घेरा भी मौजूद रहेगा।