पूर्व छात्र संगठनों ने कहा, पीएमसीएच की मुख्य इमारत गिराने से बचे सरकार

By भाषा | Updated: February 14, 2021 17:46 IST2021-02-14T17:46:28+5:302021-02-14T17:46:28+5:30

Alumni organizations said, the government avoided demolishing the main building of PMCH | पूर्व छात्र संगठनों ने कहा, पीएमसीएच की मुख्य इमारत गिराने से बचे सरकार

पूर्व छात्र संगठनों ने कहा, पीएमसीएच की मुख्य इमारत गिराने से बचे सरकार

पटना, 14 फरवरी बिहार की राजधानी में स्थित 96 साल पुराने पटना मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पूर्व छात्रों के संगठन ने राज्य सरकार से अपील की है कि वह कम से कम इसकी दो ‘‘ऐतिहासिक इमारतों’’ को गिराने से बचे क्योंकि यह बिहार एवं ओड़िशा के पहले मेडिकल कॉलेज से जुड़ी है और भावी पीढ़ी के लिये इसका संरक्षण जरूरी है।

पूर्व छात्रों के संगठन ने पटना मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के जिन दो प्रतिष्ठित ढांचों को गिराने से बचने और उनके संरक्षण एवं मरम्मत के लिये अपील की है उनमें प्रशासनिक इमारत शामिल है जहां प्राचार्य का कार्यालय है और पुराना बांकीपुर सामान्य अस्पताल शामिल है जहां हथवा वार्ड और पुराना ऑपरेशन थियेटर है ।

पटना मेडिकल कालेज एवं अस्पताल को पीएमसीएच के नाम से जाना जाता है और यही नाम लोकप्रिय है । पीएमसीएच की स्थापना 1925 में हुयी थी । उस समय इसका नाम प्रिंस ऑफ वेल्स मेडिकल कॉलेज था ।

पीएमसीएच की विरासत इमारतों को तीन चरणों में गिराये जाने की योजना है और यह वृहद विकास परियोजना का हिस्सा है जिसका शिलान्यास मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आठ फरवरी को पीएमसीएच परिसर में किया था ।

पीएमसीएच के पूर्व छात्रों के संगठन के अध्यक्ष डा सत्यजीत कुमार सिंह ने बताया, ‘‘दुनिया भर के सभी ऐतिहासिक संस्थान आगे बढ़ते हुए, अपनी विरासत को संरक्षित करने का प्रयास कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि ऐसे में एशिया के सबसे पुराने और बिहार के पहले मेडिकल कॉलेज की विरासत से राज्य की भावी पीढ़ी को दूर करना ठीक नहीं है ।

संगठन ने जोर देकर कहा कि चिकित्सा बुनियादी ढांचे को ‘‘अन्य उचित उपायों’’ के माध्यम से उन्नत किया जा सकता है।

सिंह ने कहा, ‘‘आप अपनी भावी पीढ़ी और भावी डॉक्टरों को क्या कहेंगे जो इस ऐतिहासिक संस्थान से स्नातक होंगे । क्या हमारा इतिहास और हमारी विरासत पुस्तकों के पन्नों तक सीमित कर दी जानी चाहिए?’’

तत्कालीन प्रिंस आफ वेल्स जो बाद में किंग एडवर्ड अष्टम बने, दिसंबर 1921 में भारत की शाही यात्रा पर पटना आये थे । बिहार एवं ओड़िशा के पहले मेडिकल कालेज का नाम उन्हीं के नाम पर रखा गया था।

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Web Title: Alumni organizations said, the government avoided demolishing the main building of PMCH

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