इलाहाबाद संसदीय सीट पर अकेले बैटिंग कर रही बीजेपी, सपा और कांग्रेस ने नहीं घोषित किए प्रत्याशी
By आदित्य द्विवेदी | Published: April 19, 2019 10:38 AM2019-04-19T10:38:16+5:302019-04-19T10:38:16+5:30
इलाहाबाद संसदीय सीट के लिए नामांकन शुरू हो चुका है। अभी तक सपा-बसपा गठबंधन और कांग्रेस पार्टी ने प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की है। इस सीट से बीजेपी ने कैबिनेट मंत्री डॉ रीता बहुगुणा जोशी को उम्मीदवार बनाया है।
उत्तर प्रदेश की हाई प्रोफाइल इलाहाबाद संसदीय सीट पर फिलहाल भारतीय जनता पार्टी अकेले बैटिंग कर रही है। लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन शुरू होने के दो दिन बाद तक प्रमुख दलों ने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है। इस सीट से बीजेपी ने कैबिनेट मंत्री डॉ रीता बहुगुणा जोशी को उम्मीदवार बनाया है। पार्टियों के इस रुख से कार्यकर्ताओं में बेचैनी बढ़ने लगी है।
ताबड़तोड़ प्रचार कर रहीं हैं रीता जोशी
बीजेपी ने इलाहाबाद संसदीय सीट के लिए रीता जोशी के नाम की घोषणा 26 मार्च को ही कर दी थी। 30 मार्च से वो लगातार चुनाव प्रचार और जनसंपर्क में जुटी हुई हैं। प्रतिदिन उनकी 2-3 बड़ी और दर्जन भर छोटी सभाएं होती हैं। दूसरी तरफ कांग्रेस और गठबंधन के प्रत्याशी घोषित ना होने से कार्यकर्ताओं में संशय की स्थिति बनी हुई है।
रीता जोशी का इलाहाबाद कनेक्शन
डॉ. रीता बहुगुणा जोशी इलाहाबाद की मेयर रह चुकी हैं। उनके पिता हेमवती नंदन बहुगुणा ने कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में इलाहाबाद संसदीय सीट से 1971 में जीत दर्ज की थी। उन्हें रिकॉर्ड 58.84 प्रतिशत मत प्राप्त हुए थे। उनकी मां कमला बहुगुणा ने 1977 के चुनाव में फूलपुर सीट से जीत हासिल की थी। डॉ रीता बहुगुणा ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से ही पढ़ाई की और वहीं प्रोफेसर बन गईं। 24 साल तक कांग्रेस पार्टी में रहने के बाद साल 2016 में उन्होंने बीजेपी ज्वॉइन कर ली।
हाई प्रोफाइल सीट है इलाहाबाद
संगम नगरी प्रयागराज धार्मिक, आध्यात्मिक और राजनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण शहर है। इस लोकसभा सीट ने देश को दो प्रधानमंत्री दिए हैं- लाल बहादुर शास्त्री और वीपी सिंह। इसके अलावा हेमवतीनंदन बहुगुणा, मुरली मनोहर जोशी और जनेश्वर मिश्र जैसे दिग्गज नेता भी इसी लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते रहे हैं। बॉलीवुड के 'शहंशाह' अमिताभ बच्चन भी 1984 में कांग्रेस के टिकट पर इलाहाबाद लोकसभा सीट से चुनाव जीत चुके हैं।
इलाहाबाद लोकसभा सीटः राजनैतिक इतिहास
आजादी के बाद इलाहाबाद लोकसभा सीट पर कांग्रेस का वर्चस्व कायम रहा। यहां 1957 से 1971 तक लगातार कांग्रेस पार्टी ने जीत दर्ज की। आपातकाल के बाद समाजवादी नेता जनेश्वर मिश्र ने इलाहाबाद में कांग्रेस का किला ढहाया और 1977 में बीएलडी के टिकट पर चुनाव लड़कर जीत दर्ज की। इसके बाद फिर कांग्रेस ने इस सीट पर अपना वर्चस्व जमाया। 1984 में अमिताभ बच्चन इलाहाबाद से आखिरी बार लोकसभा सांसद चुने गए। उसके बाद यहां से सपा, बसपा, जनता दल और बीजेपी के उम्मीदवार ही जीतते रहे हैं।
इलाहाबाद लोकसभा सीटः 2014 चुनाव के नतीजे
2014 लोकसभा चुनाव में इलाहाबाद लोकसभा सीट से बीजेपी के श्यामा चरण गुप्ता ने जीत दर्ज की थी। उन्हें कुल 3,13,772 वोट मिले थे। दूसरे नंबर पर समाजवादी पार्टी के रेवती रमण सिंह थे। 2014 से पहले लगातार दो चुनाव में समाजवादी पार्टी के कुंवर रेवती रमण सिंह ने जीत दर्ज की थी।
इलाहाबाद लोकसभा सीटः कुछ जरूरी बातें
- 2011 की जनगणना के अनुसार इलाहाबाद की कुल आबादी 1,216,719 है जिसमें 53 प्रतिशत पुरुष और 47 प्रतिशत महिलाएं शामिल हैं। इलाहाबाद की औसत साक्षरता दर 74.41 प्रतिशत है।
- प्रयागराज लोकसभा सीट पर कुल 1,666,569 मतदाता हैं। इसमें महिला मतदाताओं की संख्या 7,49,001 और पुरुष मतदाताओं की संख्या 9,17,403 है।
- प्रयागराज में हाईकोर्ट, उत्तर प्रदेश राज्य लोकसेवा आयोग, राज्य पुलिस मुख्यालय, उत्तर मध्य रेलवे मुख्यालय स्थित है।
- प्रयागराज के दर्शनीय स्थलों में पुराना किला, स्वराज भवन, संगम, अक्षयवट, सरस्वती कूप, खुशरू बाग, चंद्रशेखर आजाद पार्क इत्यादि हैं।
- प्रयागराज लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत पांच विधानसभा सीट हैं- इलाहाबाद दक्षिण, बारा, करछना, कोरांव और मेजा।