मंदिर-मस्जिद में लाउडस्पीकर के इस्तेमाल को लेकर अवमानना याचिका खारिज, कोर्ट ने कहा- चुनाव के दौरान सांप्रदायिक सौहार्द को प्रभावित करने के लिए किया गया मुकदमा

By विनीत कुमार | Updated: February 19, 2022 17:46 IST2022-02-19T17:44:35+5:302022-02-19T17:46:51+5:30

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मंदिर-मस्जिद में लाउडस्पीकर के इस्तेमाल के खिलाफ दायर एक अवमानना याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि यह मुकदमा चुनाव के बीच सांप्रदायिक सद्भाव को प्रभावित करने के लिए किया गया है।

Allahabad High Court reject plea against loudspeakers in temples, mosques says done to affect communal harmony during polls | मंदिर-मस्जिद में लाउडस्पीकर के इस्तेमाल को लेकर अवमानना याचिका खारिज, कोर्ट ने कहा- चुनाव के दौरान सांप्रदायिक सौहार्द को प्रभावित करने के लिए किया गया मुकदमा

इलाहाबाद हाई कोर्ट (फाइल फोटो)

इलाहाबाद: मंदिरों और मस्जिद में लाउडस्पीकर के इस्तेमाल के खिलाफ एक याचिका को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ये कहते हुए खारिज कर दिया कि यह मुद्दा उत्तर प्रदेश में जारी विधानसभा चुनाव के बीच साम्प्रदायिक सौहार्द को खराब करने के लिए लाया गया है।
 
इस याचिका को इस्लामुद्दीन नाम के शख्स के द्वारा दायर किया गया था। इसमें अदालत की अवमानना की बात कही गई थी। याचिका के अनुसार अदालत के अप्रैल 2015 के आदेश की जानबूझकर अवज्ञा की जा रही है। याचिका के मुताबिक कोर्ट की ओर से रामपुर के जिला प्रशासन और क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया था कि लाउड स्पीकर या किसी अन्य उपकरण के उपयोग से कोई ध्वनि प्रदूषण नहीं हो।

इस पर जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल ने कहा कि अवमानना ​​आवेदन राज्य में सांप्रदायिक सद्भाव को प्रभावित करने के लिए दायर की गई है।

एकल बेंच ने अपने आदेश में कहा, 'अवमानना ​​आवेदन उस समय दिया गया है जब राज्य में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं और ऐसा लगता है कि वर्तमान याचिका एक प्रायोजित मुकदमा है ताकि चुनावों को ध्यान में रखते हुए राज्य के सांप्रदायिक सद्भाव को प्रभावित किया जा सके। कोर्ट किसी भी व्यक्ति की ऐसी कार्रवाई का पक्ष नहीं हो सकता है जो राज्य के सांप्रदायिक सद्भाव को अस्थिर करने की कोशिश करता है।'

इस याचिका में रामपुर के जिलाधिकारी रवींद्र कुमार मंदर सहित अन्य को अवमानना के आरोप में दंडित करने की मांग की गई थी। याचिका में कहा गया था कि उसकी जनहित याचिका पर हाई कोर्ट ने 2015 में ध्वनि प्रदूषण पर कानून के तहत कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। इसका पालन नहीं किया जा रहा है। 

याचिकाकर्ता के अनुसार 2021 में कुछ लोगों ने मस्जिदों सहित मंदिरों में भी लाउडस्पीकर का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया, जिससे ध्वनि प्रदूषण हुआ।

Web Title: Allahabad High Court reject plea against loudspeakers in temples, mosques says done to affect communal harmony during polls

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