इलाहाबाद, 4 सितंबरः उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में एक रिटायर दारोगा की सोमवार को दिन-दहाड़े सरेआम लाठी से पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को मामले को संज्ञान में लेते पुलिस से कल तक मामले में रिपोर्ट देने को कहा है। साथ ही कोर्ट ने पुलिस ने यह कहते हुए फटकार भी लगाई है कि सभी आरोपियों को अभी तक गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया अगर सीसीटीवी फुटेज मौजूद है। इसमें साफ-साफ तीन लोग दिखाई दे रहे हैं।
मामला इलाहाबाद के शिवकुटी क्षेत्र के शिलाखाना मोहल्ले का है। यहां सोमवार को पड़ोसी से जमीन के विवाद में रिटायर दारोगा की पीट कर हत्या कर दी गई। बाद में मामले सीसीटीवी फुटेज सोशल मीडिया में वायरल होने लगा। ज्यादातर लोगों ने इस वीडियो को शेयर करते हुए योगी आदित्यनाथ पर तंज कसा। लोगों ने सवाल पूछे कि योगी राज में जब पुलिस ही सुरक्षित नहीं है तो वे किस आधार पर गुंडो को नेस्तनाबूद करने के दावे किया करते हैं।
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जमीन के जमीन के विवाद में बदमाशों ने लोहे की रॉड और लाठी-डंडों से अब्दुल समद खां (70) की हत्या कर दी। वह इलाहाबाद से सटे प्रतापगढ़ के मूल निवासी हैं। साल 2006 में वह सब इंस्पेक्टर पद से रिटायर होने के बाद इलाहाबाद के शिवकुटी इलामें जमीन लेकर रहने लगे थे। वहीं जमीन को लेकर पड़ोसियों से उनका विवाद हो गया था।
इलाहाबाद एसएसपी ने मामले पर कहा कि मृतक परिवार ने पड़ोस में रहने वाले एक हिस्ट्रीशीटर और उसके परिवार वालों पर आरोप लगाए रहे हैं। जबकि वे मृतक के दूर के रिश्तेदार भी हैं। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नितिन तिवारी ने बताया कि मृतक के परिजनों ने 10 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। घटनास्थल के पास से मिले सीसीटीवी फुटेज में तीन हमलावरों की पहचान कर ली गई है। इनमें से एक हमलावर मोहम्मद यूसुफ को गिरफ्तार कर लिया गया है।
जानकारी के अनुसार जमीन के विवाद से खुन्नस खाए उनके पड़ोसियों ने सोमवार को सुबह 9:45 बजे बाजार से सामान लेने निकले अब्दुल को घेर लिया। इसके बाद उनको लाठी-डंडों से पीटना शुरू कर दिया। चोट खाने के बाद वह गली में गिर गए। इसके बाद उनके ऊपर तब तक वार किया गया जब तक मराणसन्न नहीं हो गए। इसके बाद आरोपी वहां से फरार हो गए।
जबकि मराणासन्न रिटायर दारोगा को मोहल्ला वालों की सूचना पर घटनास्थल पर पहुंचे पुलिस वालों ने पहले स्थानीय सरकारी अस्पताल बेली अस्पताल ले गए। लेकिन वहां उनकी हालत और बिगड़ गई तब उन्हें शाम 4 बजे स्वरूप रानी मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। जहां करीब साढ़े चार बजे उनकी मौत हो गई।
लेकिन पुलिस ने मामले अभी खाली हाथ है। अभी पुलिस किसी गिरफ्तारी नहीं कर पाई है। जबकि मामले का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो चुका है। इसको लेकर योगी आदित्यनाथ के शासन पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। जबकि इसी वीडियो का संज्ञान लेते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पुलिस को फटकारते हुए कल तक रिपोर्ट पेश करने को कहा है।