नयी दिल्ली, एक दिसंबर दिल्ली में इंस्टिट्यूट ऑफ लीवर एंड बाइलरी साइंसेस (आईएलबीएस) में स्थित जीनोम सीक्वेंसिंग प्रयोगशाला ने अक्टूबर और नवंबर के बीच 191 कोविड नमूनों की जांच की और पाया कि सभी नमूने कोरोना वायरस के ‘डेल्टा’ स्वरूप के हैं। अस्पताल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी है।
जुलाई में शुरू हुई प्रयोगशाला ने अगस्त और नवंबर के बीच करीब 720 नमूनों का परीक्षण किया।
आईएलबीएस के कुलपति डॉ एसके सरीन ने बताया कि अक्टूबर और नवंबर के बीच मिले नमूनों में से 191 की जांच की गई और वे सभी ‘डेल्टा’ स्वरूप तथा उसके उप स्वरूपों के थे।
‘क्लिनिकल वायरोलॉजी’ विभाग में प्रोफेसर डॉ एकता गुप्ता ने बताया कि नवंबर में 277 से ज्यादा नमूने मिले हैं।
उन्होंने कहा कि करीब 170 नमूनों की जांच लंबित है और अगले कुछ दिनों में उनकी जांच की जाएगी।
पूछा गया कि वायरस के नए स्वरूप ‘ओमीक्रोन’ को लेकर बढ़ती चिंताओं की वजह से क्या संस्थान जीनोम सीक्वेंसिंग क्षमता को बढ़ाने की योजना बना रहा है तो डॉ गुप्ता ने कहा, “ नमूनों की सीक्वेंसिंग जांचने के लिए हमारे पास उच्च क्षमता है। दिल्ली में संक्रमण दर फिलहाल कम है, इसलिए हमें बड़ी संख्या में नमूने नहीं मिल रहे हैं।”
आईएलबीएस की प्रयोगशाला में आधुनिक मशीनें हैं जिन्हें ‘नेक्स्टसीक’ और‘मीसीक’ कहा जाता है।
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