अखिलेश यादव ने कहा, 'कश्मीर फाइल्स' बन सकती है तो फिर 'लखीमपुर फाइल्स' क्यों नहीं?
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: March 16, 2022 05:25 PM2022-03-16T17:25:24+5:302022-03-16T17:30:08+5:30
यूपी विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद पार्टी में फिर से जोश का जज्बा भरते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के सामने आज भी वही बुनियादी मुद्दे खड़े हैं, जो चुनाव के पहले थे। समाजवादी इस चुनाव में बढ़े हैं और भारतीय जनता पार्टी की लोकप्रियता में गिरावट आयी है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद बुधवार को पहली बार सीतापुर पहुंचे समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार को खूब खरी-खोटी सुनाई और जमकर निशाना साधा।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि अगर कश्मीर फाइल्स बन सकती है तो लखीमपुर में जीप से कुचलने वाली घटना पर लखीमपुर फाइल्स क्यों नहीं बन सकती है।
विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद पार्टी में फिर से जोश का जज्बा भरते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के सामने आज भी वही बुनियादी मुद्दे खड़े हैं, जो चुनाव के पहले थे। समाजवादी इस चुनाव में बढ़े हैं और भारतीय जनता पार्टी की लोकप्रियता में गिरावट आयी है।
अखिलेश यादव ने सीतापुर में सपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री नरेंद्र वर्मा के बड़े भाई स्वर्गीय महेंद्र वर्मा को श्रद्धांजलि देने के बाद कहा कि इस चुनाव में समाजवादियों की नैतिकता के आधार पर जीत हुई है। साजिशे तको बहुत हुईं लेकिन समाजवादी कार्यकर्ताओं और नेताओं के दिल से संघर्ष किया और जनता ने आशीर्वाद दिया।
उन्होंने आगे कहा कि इस हार से किसी भी कार्यकर्ता को निराश होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि समाजवादी पार्टी बढ़ रही है और भाजपा घटी है। तमाम हथकंडों के बाद भी हमारी सीटें बढ़ी हैं, वोट प्रतिशत बढा है।
अपने भाषण के दौरान पड़ोसी जिले लखीमपुर खीरी और फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' का जिक्र करते हुए अखिलेश यादव ने कहा, 'यहां के पड़ोसी जिले में गरीब किसानों को जीप से कुचल दिया गया था। उस हिंसा पर भी फिल्म बननी चाहिए। अगर कश्मीर फाइल्स बन सकती है तो फिर लखीमपुर फाइल्स भी बनना चाहिए।
महंगाई और बेरोजगारी का मुद्दा उठाते हुए उन्होंने कहा भाजपा ने सरकार तो बना ली, लेकिन उन्हें पहले बेरोजगारी और महंगाई जैसे मुद्दों पर जनता को जवाब देना चाहिए। आज यूपी का हर आदमी त्रस्त है, केवल सरकार बनाने से नहीं होगा। विकास पर जवाब देना होगा इस सरकार को।
मालूम हो कि पांच राज्यों में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा और उसके सहयोगियों ने यूपी में सबसे बेहतर प्रदर्शन करते हुए राज्य की कुल 403 सीटों में से 273 सीटें जीतीं। वहीं अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली सपा ने अपने दम पर 111 सीटें जीतीं और उसके नेतृत्व वाले गठबंधन ने 125 सीटों पर कब्जा जमाया है।