लाइव न्यूज़ :

अकाल तख्त ने मिशनरियों पर सिखों का जबरन धर्मांतरण कराने का आरोप लगाया

By भाषा | Updated: October 13, 2021 17:58 IST

Open in App

अमृतसर, 13 अक्टूबर अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने ईसाई मिशनरियों पर सीमावर्ती गांवों में सिख परिवारों के जबरन धर्मांतरण के लिए कार्यक्रम चलाने का आरोप लगाया है। इस इल्ज़ाम का बिशप ऑफ डाइअसीस ऑफ अमृतसर ने खंडन किया है।

जत्थेदार ने आरोप लगाया कि सिख समुदाय के कई सदस्यों को धर्मांतरण के लिए पैसे का लालच दिया जा रहा है। अकाल तख्त के जत्थेदार ने आरोप लगाया, “ पंजाब के सीमावर्ती इलाकों में सिख परिवारों और अनुसूचित जाति के सिखों के जबरन धर्म परिवर्तन के लिए ईसाई मिशनरी बड़े पैमाने पर कार्यक्रम चला रहे हैं। मिशनरी सीमावर्ती क्षेत्र के सिख परिवारों को ईसाई धर्म अपनाने के लिए मजबूर करने के लिए धन और हर संभव साधन का इस्तेमाल कर रहे हैं।”

उन्होंने कहा, “निर्दोष सिखों का ईसाई धर्म में धर्मांतरण सिख समुदाय के आंतरिक मामलों पर सीधा हमला है और यह असहनीय है।” सिंह ने कहा कि इस संबंध में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) को कई शिकायतें मिली हैं। उन्होंने कथित जबरन धर्मांतरण को रोकने के लिए कुछ कदम उठाने पर जोर दिया।

सिंह ने कहा कि एसजीपीसी ने इसे गंभीरता से लिया है और जबरन धर्मांतरण को रोकने के लिए हाल में 'घर घर अंदर धर्मशाला' शुरू की है। उन्होंने कहा, “ सिख प्रचारकों को पंजाब के सभी सीमावर्ती गांवों में जाकर ऐतिहासिक पुस्तकों और अन्य सामग्री सहित सिख धार्मिक पुस्तकों का मुफ्त में वितरित करने का काम सौंपा गया है। इसके अलावा, सीमावर्ती गांवों के सभी गुरुद्वारों को भी ईसाई मिशनरियों के धर्मांतरण मिशन का मुकाबला करने के लिए मदद दी जा रही है।”

बिशप ऑफ डाइअसीस ऑफ अमृतसर, नॉर्थ इंडिया चर्च, प्रदीप कुमार सामंतराय ने संपर्क करने पर इन दावों को "बेबुनियाद" बताते हुए खारिज कर दिया।

उन्होंने कहा, “यह बिल्कुल गलत और बेबुनियाद आरोप हैं। ईसाई कभी जबरन धर्मांतरण में विश्वास नहीं करते हैं, क्योंकि यह ईसाई धर्म के सिद्धांतों के खिलाफ है। हम आलोचना के प्रति खुले हैं, लेकिन मैं उनसे तथ्यों के साथ आने कहता हूं और यहां तक कि वे जबरन धर्मांतरण का एक भी उदाहरण लेकर आए हैं।”

उन्होंने कहा, “अगर कुछ मिलता है तो मामले की जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी या एनजीओ से कराई जानी चाहिए। हर धर्म को प्रचार करने का अधिकार है और सिख और गैर-सिख सहित कई लोग अपनी मर्जी से हमारे साथ शामिल होंगे, लेकिन हम उन्हें ईसाई धर्म अपनाने के लिए मजबूर नहीं करते हैं या उनपर दबाव नहीं बनाते हैं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

क्रिकेटHaryana vs Jharkhand, Final: 18 दिसंबर को झारखंड-हरियाणा में फाइनल मुकाबला, मप्र, राजस्थान, मुंबई, आंध्र, हैदराबाद और पंजाब बाहर

क्रिकेटIPL Auction 2026: सभी 10 टीमों के सोल्ड, अनसोल्ड और रिटेन किए गए खिलाड़ियों की पूरी लिस्ट देखें

भारतदिल्ली में 17 दिसंबर को ‘लोकमत पार्लियामेंटरी अवॉर्ड’ का भव्य समारोह

क्रिकेटIPL 2026 Auction: मुंबई के सरफराज खान को CSK ₹75 लाख की बेस प्राइस पर खरीदा, पृथ्वी शॉ अनसोल्ड रहे

क्रिकेटIPL Auction: सबसे महंगे अनकैप्‍ड प्‍लेयर Prashant Veer, 14.20 करोड़ में चेन्‍नई सुपर किंग्‍स ने खरीदा

भारत अधिक खबरें

भारतछत्तीसगढ़ को शांति, विश्वास और उज्ज्वल भविष्य का प्रदेश बनाना राज्य सरकार का अटल संकल्प: 34 माओवादी कैडरों के आत्मसमर्पण पर बोले सीएम साय

भारतकौन हैं ऋतुराज सिन्हा?, नितिन नबीन की जगह दी जाएगी बड़ी जिम्मेदारी

भारतहैदराबाद का रहने वाला था बोंडी बीच शूटर साजिद अकरम, उसका बेटा ऑस्ट्रेलियाई नागरिक, तेलंगाना पुलिस ने की पुष्टि

भारतभाजपा को मां के समान मानते?, बिहार प्रमुख संजय सरावगी बोले-आगे बढ़ाने की दिशा में ईमानदारी से काम करेंगे

भारतहरियाणा सरकारः 23वां जिला हांसी, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने की घोषणा