रायपुरः छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी का शुक्रवार (29 मई) को निधन हो गया। वह लगभग 20 दिनों से अस्पताल में भर्ती थे। 74 वर्षीय जोगी ने आज दोपहर बाद 3.30 बजे अंतिम सांस ली। अजीत जोगी के पुत्र अमित जोगी ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि अजीत जोगी का अंतिम संस्कार शनिवार को उनकी जन्मभूमि गौरेला में होगा। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा, 'श्री अजीत जोगी जी को जनसेवा का शौक था। इस जुनून ने उन्हें एक मेहनती नौकरशाह और एक राजनीतिक नेता बनाया। वह गरीबों, विशेषकर आदिवासी समुदायों के जीवन में एक सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रयासरत रहे हैं। उनके निधन से दुखी हूं। उनके परिवार के प्रति संवेदना।'
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के प्रमुख अजीत जोगी की तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें नौ मई को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। तब से उनकी हालत नाजुक थी। आज दोपहर बाद उन्हें लगभग डेढ़ बजे दिल का दौरा पड़ा और उनकी तबीयत लगातार बिगड़ती चली गई। अस्पताल के चिकित्सकों ने उन्हें बचाने का प्रयास किया लेकिन वह सफल नहीं हो सके।
पिता की मृत्यु के बाद अमित जोगी ने ट्वीट कर कहा है कि 20 वर्षीय युवा छत्तीसगढ़ राज्य के सिर से आज उसके पिता का साया उठ गया। केवल मैंने ही नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ ने नेता नहीं, अपना पिता खोया है। माननीय अजीत जोगी जी ढाई करोड़ लोगों के अपने परिवार को छोड़ कर ईश्वर के पास चले गए। गांव-गरीब का सहारा, छत्तीसगढ़ का दुलारा हमसे बहुत दूर चला गया।
भारतीय प्रशासनिक सेवा से राजनीति में आए अजीत जोगी वर्तमान में मारवाही विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। उनकी पत्नी रेणु जोगी कोटा क्षेत्र से विधायक हैं। जोगी वर्ष 2000 में छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माण के बाद यहां के पहले मुख्यमंत्री बने तथा वर्ष 2003 तक इस पद पर रहे।
राज्य में वर्ष 2003 में हुए विधानसभा के पहले चुनाव में कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी से पराजित हो गई थी। राज्य में कांग्रेस नेताओं से मतभेद के चलते जोगी ने वर्ष 2016 में नई पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) का गठन कर लिया था और वह उसके प्रमुख थे।