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Air Pollution: "यह लोगों के स्वास्थ्य की 'हत्या' जैसा है'', सुप्रीम कोर्ट ने वायु प्रदूषण पर की बेहद सख्त टिप्पणी

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: November 7, 2023 13:55 IST

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में दमघोंटू वायु प्रदूषण पर बेहद सख्त टिप्पणी करते हुए विभिन्न राज्य सरकारों से कहा कि कृपया इसे राजनीतिक लड़ाई न बनाएं।

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ठळक मुद्देसुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में दमघोंटू वायु प्रदूषण पर बेहद सख्त टिप्पणी कीकोर्ट ने विभिन्न राज्य सरकारों से कहा कि कृपया इसे राजनीतिक लड़ाई न बनाएं, यह गंभीर विषय हैकोर्ट ने कहा कि आप ही खराब वायु गुणवत्ता और 'लोगों के स्वास्थ्य की हत्या' के लिए जिम्मेदार है

नई दिल्ली:सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में दमघोंटू वायु प्रदूषण पर बेहद सख्त टिप्पणी करते हुए विभिन्न राज्य सरकारों से कहा कि कृपया इसे राजनीतिक लड़ाई न बनाएं क्योंकि आप ही खराब वायु गुणवत्ता और 'लोगों के स्वास्थ्य की हत्या' के लिए जिम्मेदार है।

समाचार वेबसाइट एनडीटीवी के अनुसार अदालत ने पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान सरकारों से साफ कहा कि उनके राज्यों में पराली जलाना ही हर सर्दियों में दिल्ली के बढ़ते वायु प्रदूषण का प्रमुख कारक है। इसके साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकारों को ताकिद की कि वो जल्द से जल्द पराली जलाने को रोकने के लिए कठोर कदम उठाएं।

सुप्रीम कोर्ट ने अदालत में मौजूद पंजाब सरकार के वकील से कहा, "हम चाहते हैं कि इसे फौरन रोका जाए। हम नहीं जानना चाहते हैं कि आप इसे कैसे करेंगे क्योंकि यह आपका काम है। लेकिन तुरंत रोका जाना चाहिए।"

इसके साथ ही कोर्ट ने दिल्ली सरकार को भी कटघरे में खड़ा करते हुए कहा, "दिल्ली सरकार को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए। ऐसी कई बसें हैं, जो राजधानी की सड़कों पर प्रदूषण फैलाती हैं। ऐसी समस्या पर आपको ध्यान देना होगा।"

जस्टिस एसके कौल और जस्टिस सुधांशु धूलिया की बेंच ने इस तरह की सख्त टिप्पणी के बाद मामले को अगली सुनवाई के लिए शुक्रवार तक के लिए बढ़ा दिया। कोर्ट ने आज आदेश दिया कि केंद्र सरकार पराली जलाने से रोकने के तरीकों पर उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और दिल्ली सरकारों के साथ बैठक करे।

अदालत ने यह आदेश दिल्ली में जहरीली हवा की गुणवत्ता को चिह्नित करने वाले एक मामले की सुनवाई करने के दौरान की। दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से वायु प्रदूषण 'गंभीर' श्रेणी में है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों की बात करें तो दिल्ली के कई इलाकों में मंगलवार को भी AQI 400 से अधिक था।

मामले में याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील अपराजिता सिंह ने कहा कि पंजाब में खेतों में लगने वाली आग पर काबू नहीं पाया जा सका है। उन्होंने कहा कि दिल्ली की वायु गुणवत्ता में गिरावट के लिए पराली जलाने का प्रमुख योगदान है।

वकील अपराजिता सिंह ने कहा, "वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) और राज्य कह रहे हैं कि वे वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सभी कदम उठा रहे हैं लेकिन पराली जलाना अभी भी जारी है।"

मालूम हो कि सर्दियों में नई फसल की बुआई के लिए किसान खेतों में पुरानी फसलों के अवशेषों को जलाते हैं। खेतों में आग लगाकर नई फसलों के लिए खेत खाली करने का सबसे तेज़ और सस्ता तरीका है। जिसके कारण वायु प्रदूषण में कई गुना अधिक वृद्धि होती है।

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