वायु प्रदूषण: पराली जलाने की समस्या से निबटने के लिये केन्द्र ठोस उपाय पेश करे: न्यायालय

By भाषा | Updated: January 11, 2021 21:41 IST2021-01-11T21:41:10+5:302021-01-11T21:41:10+5:30

Air pollution: Center should introduce concrete measures to deal with the problem of burning stubble: Court | वायु प्रदूषण: पराली जलाने की समस्या से निबटने के लिये केन्द्र ठोस उपाय पेश करे: न्यायालय

वायु प्रदूषण: पराली जलाने की समस्या से निबटने के लिये केन्द्र ठोस उपाय पेश करे: न्यायालय

नयी दिल्ली 11 जनवरी उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को केन्द्र को सर्दी के मौसम में दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की मुख्य कारक पराली जलाने से उत्पन्न स्थिति से निबटने के लिये ठोस उपायों के बारे में विस्तृत हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया।

प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमणियन की पीठ ने यह आदेश उस वक्त दिया जब उसे बताया गया कि पराली जलने का मसला भविष्य में फिर सामने आयेगा।

पीठ ने कहा, ‘‘श्रीमान तुषार मेहता (सालिसीटर जनरल) आप पराली जलाने से होने प्रदूषण के मामले में ठोस उपायों के साथ आयें।’’

शीर्ष अदालत दिल्ली के पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की वजह से होने वाले वायु प्रदूषण को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने कहा, ‘‘यह मुद्दा फिर उठेगा। इस साल पराली जलाने का मसला खत्म हो गया और अगली बार यह फिर होगा। केन्द्र के पास इस मामले में करने के लिये कुछ नहीं हैं।’’

पीठ ने सालिसीटर जनरल को इस मसले पर विस्तृत हलफनामा दाखिल करने का निर्देश देने के साथ ही इसकी सुनवाई स्थगित कर दी।

न्यायालय ने 17 दिसंबर, 2020 कहा था कि वह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के इलाकों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के कामकाज से संतुष्ट नहीं है। केन्द्र ने वायु प्रदूषण की समस्या से निबटने के लिये इस आयोग का गठन किया है।

इस मामले की सुनवाई के दौरान पीठ ने टिप्पणी की थी कि प्रदूषण के मामले में आयोग के काम से दिल्ली के लोग भी संतुष्ट नहीं हैं।

पीठ ने कहा था, ‘‘हम नहीं जानते कि आपका आयोग क्या कर रहा है। आपके काम से दिल्ली की जनता संतुष्ट नहीं है। हम भी संतुष्ट नहीं हैं।’’

केन्द्र की ओर से सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि आयोग युद्ध स्तर पर काम कर रहा है और उसने प्रदूषण की समस्या से निबटने के लिये कई कदम उठाये हैं।

न्यायालय ने छह नवंबर को केन्द्र को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि दिल्ली-एनसीआर में स्मॉग नहीं हो। इससे पहले, न्यायालय को सूचित किया गया था कि वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग आज से ही काम शुरू कर देगा।

न्यायालय ने कहा था कि प्रदूषण की समस्या से कार्यपालिका को ही निबटना होगा क्योंकि उसके पास धन, शक्ति और संसाधन है।

केन्द्र ने दिल्ली के पूर्व मुख्य सचिव एम एम कुट्टी को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और इससे सटे इलाकों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया है। सरकार ने यह भी कहा था कि नव सृजित आयोग में गैर सरकारी संगठनों के सदस्यों के अलावा इस क्षेत्र के विशेषज्ञ भी इसमे हैं।

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Web Title: Air pollution: Center should introduce concrete measures to deal with the problem of burning stubble: Court

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