सभी मिग-21 हो जाएंगे 2025 तक रिटायर, दो पायलटों की जान जाने के बाद वायुसेना ने की घोषणा

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: July 29, 2022 04:12 PM2022-07-29T16:12:57+5:302022-07-29T16:49:28+5:30

भारतीय वायुसेना ने साल 2025 तक सेवा दे रहे सभी मिग-21 विमानों के रिटायरमेंट की घोषणा है। बीते गुरुवार की शाम राजस्थान के बाड़मेर में मिग-21 हादसे में फ्लाइट लेफ्टिनेंट ए बाल और विंग कमांडर राणा की मौत हो गई थी।

Air Force will retire MiG-21 as flying coffin by 2025 | सभी मिग-21 हो जाएंगे 2025 तक रिटायर, दो पायलटों की जान जाने के बाद वायुसेना ने की घोषणा

फाइल फोटो

Highlightsभारतीय वायुसेना साल 2025 तक सभी रूसी मिग-21 फाइटर प्लेन्स को सेवा से बाहर कर देगीइसी क्रम में 30 सितंबर को श्रीनगर एयरबेस पर तैनात 51 मिग-21 को रिटायर किया जाएगाइसके बाद लगातार तीन सालों तक बचे हुए तीन मिग-21 स्क्वाड्रन को सर्विस से हटाया जाएगा

दिल्ली: मिग-21 क्रैश में दो जबांज फ्लाईंग अधिकारियों को खोने के बाद भारतीय वायुसेना ने इस बात का ऐलान किया कि वो 2025 तक पुराने हो चुके सभी रूसी मिग-21 फाइटर प्लेन्स को धीरे-धीरे सेवा से बाहर कर देगा। इसके साथ ही वायुसेना ने कहा कि आगामी 30 सितंबर तक मिग -21 बाइसन विमान के एक और स्क्वाड्रन को सर्विस से हटा देगा।

वायुसेना ने इस बात की घोषणा तब कि जब उसने गुरुवार की शाम राजस्थान के बाड़मेर में मिग-21 के टाइप 69 ट्रेनर विमान हादसे में फ्लाइट लेफ्टिनेंट ए बाल और विंग कमांडर राणा की जान गवां दी। समाचार एजेंसी एएनआई ने वायुसेना के सूत्रों के हवाले से जानकारी की है कि आगामी 30 सितंबर को श्रीनगर एयरबेस पर तैनात कुल 51 मिग-21 स्क्वाड्रन को रिटायर कर दिया जाएगा।

उसके बाद वायुसना के पास मिग-21 से कुल तीन स्क्वाड्रन सेवा में रह जाएंगे, जिन्हें धीरे-धीरे करके हर साल एक स्क्वाड्रन के हटाने के साथ 2025 तक पूरी तरह सेवा से हटा दिया जाएगा।

मालूम हो कि 27 फरवरी 2019 को पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक करने के लिए इन्हीं मिग-21 को प्रयोग किया गया था। उस अभियान में मिग-21 से दुश्मन सीमा में बम दागने के बाद भारतीय सीमा में लौट रहे विंग कमांडर (अब ग्रुप कैप्टन) अभिनंदन वर्धमान ने अमेरिका निर्मित पाकिस्तान के अत्याधुनिक फाइटर प्लेन एफ-16 को मार गिराया था।

लेकिन उस दौरान तकनीकि दिक्कतों के कारण से उनका मिग क्रैश हो गया था और वो पैराशूट की मदद से पाकिस्तान की सरहद में उतरने के लिए मजबूर हो गये थे।

इस संबंध में वायुसेना के सूत्रों का दावा है कि मिग-21 द्वारा यह एकमात्र उदाहरण था, जब उसने हवा में हुई लड़ाई के दौरान अमेरिका के अत्याधुनिक एफ-16 को मार गिराया था। लेकिन हादसे की तेज होती रफ्तार को देखते हुए वायुसेना का स्पष्ट कहना है कि वो मिग-21 फाइटर जेट्स की जगह सू-30 और स्वदेशी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) को अपनी मजबूत प्रतिरोधी और आक्रामक रणनीति के तहत स्थान दे रहे हैं।

मिग-21 के हादसों के आकड़ों की बात करें तो गुजरे 20 महीनों में 6 मिग-21 क्रैश हुए हैं, जिनमें भारतीय वायुसेना के पांच फाइटर पायलटों की जान गई है। हादसे के बाद वायुसेना का कहना है कि मिग-21 की सेवा का बहुत पहले बंद कर दिया जाना था, लेकिन लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस को वायुसेना में शामिल करने में हुई देरी के कारण मिग-21 को रखना पड़ा था।

राजस्थान में हुए हादसे के बाद वायुसेना के अधिकारियों का कहना है कि वायुसेना की किसी भी उड़ान से पहले ग्राउंड स्टॉफ के जरिये मिग-21 विमानों की व्यापक जांच की जाती है और साथ ही पायलट द्वारा उड़ान भरने से पहले सुरक्षा संबंधी सभी पहलुओं को गंभीरता से परखा जाता है लेकिन उसके बाद भी हो रहे हादसे दुर्भाग्यपूर्ण हैं, जिनमें हमें अपने बहादुर फाइटर पायलटों की जान गंवानी पड़ रही है।

Web Title: Air Force will retire MiG-21 as flying coffin by 2025

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे