हेट स्पीच मामले में AIMIM विधायक अकबरुद्दीन ओवैसी को बड़ी राहत, हैदराबाद की स्पेशल कोर्ट ने किया बरी, जानिए क्या है पूरा मामला
By सतीश कुमार सिंह | Published: April 13, 2022 03:21 PM2022-04-13T15:21:38+5:302022-04-13T15:22:37+5:30
सांसदों और विधायकों के खिलाफ सुनवाई करने वाली विशेष सत्र अदालत ने फैसला सुनाने का दिन मंगलवार तय किया था। लेकिन बचाव पक्ष और अभियोजन पक्ष के वकील की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने फैसला बुधवार तक के लिए टाल दिया था।
हैदराबादः ‘नफरत वाले भाषण’ देने को लेकर विधायक और एआईएमआईएम नेता अकबरुद्दीन ओवैसी को बड़ी राहत मिली है। सांसदों और विधायकों के लिए विशेष सत्र अदालत ने निर्मल और निजामाबाद जिले से संबंधित दो अभद्र भाषा के मामलों में बरी कर दिया।
सांसदों और विधायकों के खिलाफ सुनवाई करने वाली विशेष सत्र अदालत ने इसके पहले फैसला सुनाने का दिन मंगलवार तय किया था। लेकिन बचाव पक्ष और अभियोजन पक्ष के वकील की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने फैसला बुधवार तक के लिए टाल दिया था।
Hyderabad | The special sessions court for MPs & MLAs acquitted AIMIM leader Akbaruddin Owaisi in two hate speech cases pertaining to Nirmal and Nizamabad district.
— ANI (@ANI) April 13, 2022
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अकबरुद्दीन तेलंगाना विधानसभा में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के नेता हैं। अकबरुद्दीन के खिलाफ निजामाबाद और निर्मल में कथित रूप से नफरत फैलाने वाला भाषण देने का मामला वर्ष 2012 में दर्ज किया गया था। इस मामले की सुनवाई को लेकर अकबरुद्दीन मंगलवार को अदालत के समक्ष पेश हुए थे।
एआईएमआईएम प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी के छोटे भाई अकबरुद्दीन के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। उन पर सार्वजनिक भाषण के दौरान एक समुदाय विशेष के खिलाफ आपत्तिजनक और भड़काने वाली भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप है।
अकबरुद्दन ने कथित रूप से नफरत फैलाने वाला भाषण निजामाबाद में आठ दिसंबर, 2012 को और निर्मल कस्बे में 22 दिसंबर, 2012 को भाषण दिया था। इसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया था, लेकिन वह जमानत पर जेल से बाहर हैं। अपराध जांच विभाग (सीआईडी) ने निजामाबाद मामले की जांच करके वर्ष 2016 में आरोपपत्र दाखिल किया। इसी तरह निर्मल मामले में भी जिला अदालत ने वर्ष 2016 में आरोपपत्र दाखिल किया।