'बीमार' है AIIMS भोपाल, 'इलाज' के लिए 800 KM पदयात्रा कर दिल्ली आ रहे हैं तीन मेडिकल छात्र
By कोमल बड़ोदेकर | Published: May 13, 2018 08:56 PM2018-05-13T20:56:06+5:302018-05-13T20:56:06+5:30
6 साल पहले एम्स भोपाल में बीते तीन साल से स्थाई निदेशक नहीं है, जिसके चलते जरूरी तकनीक, बेहतर व्यवस्थाएं पूरी होने में दिक्कत आ रही है। स्थाई निदेशक की मांग के लिए तीन मेडिकल छात्र 5 जून को भोपाल से दिल्ली पैदल पुहंचेंगे।
नई दिल्ली/भोपाल, 13 मई। यूं तो मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एम्स को बने हुए 6 साल बीत चुके हैं लेकिन अब भी यहां दिल्ली जैसी सुविधाएं विकसीत नहीं हो पाई है, ऊपर यहां स्थाई निदेशक का न होना भी इस असप्ताल के विकास में मुख्य बाधा बन रही है। बीते तीन सालों से यहां अस्थाई निदेशक हैं ऐसे में मेडिकल छात्र और इंटर्न स्थाई निदेशक की मांग कर रहे हैं। यूं तो मेडिकल छात्र और रेजीडेंट डॉक्टर की यूनियन स्थाई निदेशक के लिए कई बार शासन प्रशासन का दरवाजा खटखटा चुकी है लेकिन समस्या जस की तस ही बनी हुई है।
स्थाई निदेशक की मांग के लिए मेडिकल छात्र और इंटर्न कई बार आंदोलन और पैदल मार्च कर चुके हैं लेकिन इस बार उन्होंने पैदल ही दिल्ली कूच करने की योजना बनाई है। योजना के मुताबिक, भोपाल से दिल्ली करीब 800 किलोमीटर का सफर पैदल तय कर एम्स भोपाल के तीन छात्र सरकार से स्थाई निदेशक की मांग करने 5 जून को पहुंचेंगे।
मेडिकल की पढ़ाई पूरी चुके एम्स भोपाल में इंटर्न कर रहे मेडिकल स्टूडेंट पार्थ ने बताया कि एम्स भोपाल का काम कार्यवाहक निदेशक के भरोसे चल रहा है। हम स्थाई निदेशक की मांग बीते कई सालों से कर रहे हैं। लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई, इसलिए दिल्ली तक पैदल मार्च का अनोखा रास्ता अपनाया है ताकि सरकार का ध्यान इस ओर आकर्षित हो और इस समस्या का निराकरण हो।
उन्होंने बताया कि, बीती तीन जून को मेडिकल स्टूडेंट संत गुरू प्रसाद, चंदन कुमार आर्यन भोपाल से दिल्ली के लिए पदयात्रा पर निकल चुके हैं उन्हें सहयोग करने के लिए अन्य दो छात्र कार्तिक और सुमन भी उनके साथ है जो बीच-बीच में उन्हें सपोर्ट करते हैं।
अब तक ये छात्र करीब 300 किलोमीटर का सफर तय कर चुके हैं। तपती धूम में हर दिन करीब 30 किलोमीटर चलते हैं। 5 जून को दिल्ली पहुंच मंत्री और स्वास्थ विभाग के उच्च अधिकारियों से मुलाकात कर स्थाई निदेशक की मांग कर उन्हें ज्ञापन सौंपेंगे।