अहमदनगर अस्पताल के कर्मी पहले 10 मिनट में लोगों की जान बचा सकते थे: पुलिस
By भाषा | Updated: November 12, 2021 01:08 IST2021-11-12T01:08:56+5:302021-11-12T01:08:56+5:30

अहमदनगर अस्पताल के कर्मी पहले 10 मिनट में लोगों की जान बचा सकते थे: पुलिस
पुणे (महाराष्ट्र), 11 नवंबर महाराष्ट्र के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बृहस्पतिवार को कहा कि यदि अहमदनगर सिविल अस्पताल की गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में कर्मियों ने आग लगते ही मरीजों को बचाने की कोशिश की होती, तो कई और लोगों की जान बचाई जा सकती थी।
अस्पताल में छह नवंबर को लगी आग में आईसीयू वार्ड में भर्ती कोविड-19 के 11 मरीजों की मौत हो गई थी, जबकि छह अन्य को समय पर बचा लिया गया था। इस मामले में कथित लापरवाही को लेकर एक चिकित्सक और तीन नर्स को गिरफ्तार किया गया है।
जिला पुलिस अधीक्षक मनोज पाटिल ने कहा, ‘‘सभी तीन नर्स ने हमें बताया था कि आग लगने के दौरान वे आईसीयू में थीं, लेकिन जांच में पाया गया कि वे बाहर थीं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘शुरुआत में थोड़ा धुआं था, वे मदद के लिए या अपनी जान बचाने के लिए भाग गईं।’’
पाटिल ने कहा, ‘‘उन पहले 10 मिनट में वे कम से कम चार से छह मरीजों की जान बचा सकती थीं।’’
उन्होंने कहा कि नर्सों ने दावा किया कि वे धुएं के कारण कुछ नहीं कर सकती थीं, लेकिन सीसीटीवी फुटेज में मरीजों के रिश्तेदारों को आईसीयू में भर्ती लोगों को बचाने के लिए अंदर जाते देखा गया।
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