आगरा हिरासत मौत : पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपये का मुआवजा, परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने का फैसला

By भाषा | Updated: October 20, 2021 23:48 IST2021-10-20T23:48:07+5:302021-10-20T23:48:07+5:30

Agra Custodial Death: Rs 10 lakh compensation to the victim's family, decision to give job to a family member | आगरा हिरासत मौत : पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपये का मुआवजा, परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने का फैसला

आगरा हिरासत मौत : पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपये का मुआवजा, परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने का फैसला

आगरा (उत्तर प्रदेश), 20 अक्टूबर शहर के जगदीशपुरा थाने के मालखाने से 25 लाख रुपये चुराने के आरोपी व्यक्ति की कथित रूप से पुलिस हिरासत में हुई मौत के मामले में प्रशासन ने बुधवार को पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपये मुआवजा और परिवार के एक व्यक्ति को नौकरी देने का फैसला किया है।

प्रशासन ने बताया कि मालखाने में हुई चोरी और आरोपी की हिरासत में हुई मौत के मामले में अभी तक 11 पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है।

आगरा के जिलाधिकारी पी. एन. सिंह ने बताया कि प्रशासन की अनुशंसा पर पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपये की सहायता राशि और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने का फैसला लिया गया है।

इस बीच, आज रात आगरा पहुंचे आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने पूरे मामले की अदालत की निगरानी में जांच कराने और दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग की।

उन्होंने कहा, ‘‘हाथरस कांड, महोबा कांड, गोरखपुर कांड इस बात का प्रतीक हैं कि उत्तर प्रदेश में कैसे पुलिस लोगों की हत्या कर रही है।’’ प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर ‘‘मौत और मुआवजे की रणनीति पर चलने’’ का आरोप लगाते हुए सिंह ने पीड़ित परिवार के लिए एक करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की।

अरुण के परिवार से मिलने के बाद सिंह ने कहा, ‘‘अरुण के परिजन ने मुझे बताया कि पुलिस उसे जब पकड़ने आयी थी, तब वह स्वस्थ था, उसे हिरासत में प्रताड़ित किया गया।’’

उन्होंने कहा कि परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने उनके साथ भी मारपीट की। सिंह ने आरोप लगाया कि यह पूरी तरह से पुलिस द्वारा की गयी हत्या है।

आगरा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मुनिराज जी. ने आज बताया कि चोरी के पैसे बरामद करने के लिए मंगलवार की रात आरोपी अरुण के आवास की तलाशी ली गई और इस दौरान अचानक उसकी तबियत बिगड़ गई। उन्होंने बताया कि आरोपी को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत लाया गया घोषित कर दिया।

पुलिस ने बताया कि अरुण पर शनिवार की रात थाने के मालखाना (थाने में वह कमरा जहां जब्त की गई वस्तुएं रखी जाती हैं) से नकदी चुराने का आरोप है। वह थाने में सफाईकर्मी का काम करता था।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मुनिराज जी. ने बताया कि अभी तक कुल 11 पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है। उन्होंने बताया कि छह लोगों इंस्पेक्टर अनूप कुमार तिवारी, एसआई रामनिवास, आरक्षी सुखवीर सिंह, जितेंद्र सिंह और प्रताप भान सिंह और एक महिला सिपाही साजदा को पहले निलंबित किया गया था तो वहीं इंस्पेक्टर आंनद शाही, एसआई योगेंद्र, सिपाही सत्यम, सिपाही रूपेश, सिपाही महेंद्र को आज निलंबित किया गया।

पुलिस ने बताया, ‘‘जांच के दौरान पुलिस ने कई संदिग्धों को पकड़ा। उनमें से अरुण भी एक था, क्योंकि वह मालखाना में जा सकता था। अरुण को मंगलवार को आगरा के ताजगंज इलाके से गिरफ्तार किया गया था। उसने पहचान छुपाने के लिए अपना सिर मुंडा लिया था।’’

आगरा के एसएसपी ने बताया, ‘‘पुलिस दल चोरी को लेकर विभिन्न संदिग्धों से पूछताछ कर रहा था। मंगलवार की शाम लोहामंडी क्षेत्र निवासी अरुण को पुलिस हिरासत में लिया गया।’’

उन्होंने दावा किया, ‘‘पूछताछ के दौरान अरुण ने चोरी करना स्वीकार किया और बताया कि चोरी के पैसे उसके घर में रखे हैं।’’ उन्होंने बताया कि अरुण की तबियत बिगड़ने और उसकी मौत होने से पहले पुलिस ने उसके घर की तलाशी में 15 लाख रुपये बरामद कर लिए थे।

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि अरुण के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है और रिपोर्ट के आधार पर समुचित कार्रवाई की जाएगी। अरुण के भाई सोनू की ओर से मिली तहरीर के आधार पर मामला दर्ज कर लिया गया है।

इस बीच जिला कांग्रेस का कहना है कि पोस्टमॉर्टम हाउस पर एकत्र वाल्मीकि समाज के लोगों ने वहां पीड़ित परिवार को सांत्वना देने पहुंचे पार्टी के जिलाध्यक्ष राघवेंद्र सिंह मीनू की कथित तौर पर पिटाई कर दी जिसमें उन्हें चोटें आयी हैं।

इस कथित घटना के बाद जिला कांग्रेस प्रवक्ता अनुज शिवहरे ने भी आरोप लगाया है कि उनकी भी पिटाई की गई है।

वहीं, वाल्मीकि समुदाय के लोगों ने अरुण की मौत मामले की स्वतंत्र जांच की मांग की। समुदाय के स्थानीय नेताओं ने कहा है कि इस मामले में जब तक निष्पक्ष जांच शुरू नहीं होती तब तक वे ''महर्षि वाल्मीकि जयंती" नहीं मनाएंगे।

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Web Title: Agra Custodial Death: Rs 10 lakh compensation to the victim's family, decision to give job to a family member

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