रेजिमेंट की अवधारणा खत्म नहीं हो रही, 'अग्निपथ' के विरोध पर बोले अजीत डोभाल- अकेले अग्निवीर पूरी आर्मी कभी नहीं होंगे, अगर कल की तैयारी करनी है तो...
By अनिल शर्मा | Published: June 21, 2022 01:45 PM2022-06-21T13:45:15+5:302022-06-21T14:32:13+5:30
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने आगे कहा, जो हम कल कर रहे थे अगर वही भविष्य में भी करते रहे तो हम सुरक्षित रहेंगे ये जरूरी नहीं। यदि हमें कल की तैयारी करनी है तो हमें परिवर्तित होना पड़ेगा।
नई दिल्लीः सरकार की नई अग्निपथ भर्ती योजना के विरोध में हिंसक प्रदर्शन और तोड़फोड़ की घटनाएं देशभर में हुईं। यह योजना 24 जून से लागू की जानी है। चार साल की लघु अवधि के लिए नौकरी के प्रावधान और प्रशिक्षित अग्निवीरों के भविष्य को लेकर अनिश्चितताओं के कारण अग्निपथ योजना के खिलाफ बिहार, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना व पश्चिम बंगाल सहित कई राज्यों में प्रदर्शन हुए हैं।
इस बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने अग्निपथ योजना के कई पहलुओं को उजागर किया है। समाचार एजेंसी एएनआई को दिए साक्षात्कार में अजीत डोभाल ने कहा, इसमें दो तरह के प्रदर्शन हो रहे हैं, एक तो वे हैं जिन्हें चिंता है, उन्होंने देश की सेवा भी की है..
कुछ लोग हैं जिन्हें न राष्ट्र से कोई मतलब है, न राष्ट्र की सुरक्षा से
डोभाल ने आगे कहा, जब भी कोई बदलाव आता है कुछ चिंताएं उसके साथ आती हैं। हम इसे समझ सकते हैं। जैसे-जैसे उन्हें पूरी बात का पता चल रहा है वे समझ रहे हैं। जो दूसरा वर्ग है उन्हें न राष्ट्र से कोई मतलब है, न राष्ट्र की सुरक्षा से मतलब है। वे समाज में टकराव पैदा करना चाहते हैं। वे ट्रेन जलाते हैं, पथराव करते हैं, प्रदर्शन करते हैं। वे लोगों को भटकाना चाहते हैं।
रेजीमेंट अवधारणा खत्म नहीं हो रही है
NSA अजीत डोभाल ने कहा कि रेजीमेंट अवधारणा खत्म नहीं हो रही है। इसके साथ छेड़छाड़ नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा, जहां तक रेजीमेंट का सवाल है, दो बातें समझने की जरूरत है। कोई भी रेजिमेंट की अवधारणा के साथ छेड़छाड़ नहीं कर रहा है ... वे (रेजिमेंट) जारी रहेंगे ... रेजिमेंटल सिस्टम खत्म नहीं हुआ है।
अकेले अग्निवीर पूरी आर्मी कभी नहीं होंगे
अजीत डोभाल ने साफ किया है कि अग्निवीर ही पूरी आर्मी नहीं होगी। वे केवल 4 साल के लिए भर्ती किए गए जवान होंगे। बकौल अजीत डोभाल, अकेले अग्निवीर पूरी आर्मी कभी नहीं होंगे, अग्निवीर सिर्फ पहले 4 साल में भर्ती किए गए जवान होंगे। बाकी सेना का बड़ा हिस्सा अनुभवी लोगों का होगा। जो अग्निवीर नियमित होंगे (4 साल बाद) उन्हें घनिष्ठ ट्रेनिंग दी जाएगी।
राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर उन्होंने कहा कि मोटे तौर पर, वे चार प्रमुखों के अंतर्गत आते हैं। इसके लिए उपकरणों की आवश्यकता होती है, इसके लिए प्रणालियों और संरचनाओं में परिवर्तन की आवश्यकता होती है, इसके लिए प्रौद्योगिकी में परिवर्तन की आवश्यकता होती है, इसके लिए जनशक्ति, नीतियों में परिवर्तन की आवश्यकता होती है और उन्हें भविष्यवादी होना चाहिए।
सैन्य उपकरणों में बहुत प्रगति की जा रही है
NSA ने कहा कि पिछले 8 सालों में स्ट्रक्चरल सुधार बहुत सारे हुए हैं। 25 साल से CDS का मुद्दा पड़ा हुआ था। राजनीतिक इच्छाशक्ति न होने के कारण इसको अमल में नहीं लाया जा सका था। आज हमारे डिफेंस एजेंसी की अपनी स्पेस की स्वतंत्र एजेंसी है। डोभाल ने कहा, आज भारत में बनी AK-203 के साथ नई असॉल्ट राइफल को सेना में शामिल किया जा रहा है। यह दुनिया की सबसे अच्छी असॉल्ट राइफल है। सैन्य उपकरणों में बहुत प्रगति की जा रही है।
कल की तैयारी करनी है तो हमें परिवर्तित होना पड़ेगा
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने आगे कहा, जो हम कल कर रहे थे अगर वही भविष्य में भी करते रहे तो हम सुरक्षित रहेंगे ये जरूरी नहीं। यदि हमें कल की तैयारी करनी है तो हमें परिवर्तित होना पड़ेगा। आवश्यक इसलिए था क्योंकि भारत में, भारत के चारों तरफ माहौल बदल रहा है। अजीत डोभाल ने कहा, पूरा युद्ध एक बड़े बदलाव के दौर से गुजर रहा है। हम संपर्क रहित युद्धों की ओर जा रहे हैं, और अदृश्य शत्रु के विरुद्ध युद्ध की ओर भी जा रहे हैं। तकनीक तेजी से आगे बढ़ रही है। अगर हमें कल की तैयारी करनी है, तो हमें बदलना होगा।