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कोरोना महामारी के बीच रिजर्व बैंक ने दी फिर बड़ी राहत, जानें घोषणा की मुख्य बातें

By भाषा | Updated: April 17, 2020 19:03 IST

गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) और सूक्ष्म वित्त संस्थानों (एमएफआई) के लिये 50 हजार करोड़ रुपये के टारगेटेड एलटीआरओ की घोषणा।

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ठळक मुद्देनीतिगत ब्याज दर (रेपो दर) 4.40 प्रतिशत पर स्थिर।ज्यों के लिये अल्पकालिक अर्थोपाय के तहत कर्ज उधार की सीमा 60 प्रतिशत बढ़ायी गयी।

मुंबई: रिजर्व बैंक ने कोरोना वायरस महामारी के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था के समक्ष उपस्थित चुनौतियों को दूर करने के लिये शुक्रवार को राहत के उपायों की दूसरी किस्त की घोषणा की। इसमें रिजर्व बैंक ने गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) के प्रावधानों में ढील देने, बैंकों को लाभांश भुगतान से छूट देने तथा बैंकों को अधिक कर्ज बांटने में सक्षम बनाने के लिये रिवर्स रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती करने समेत कई उपाय किये।

रिजर्व बैंक की इस घोषणा की मुख्य बातें इस प्रकार हैं: :

- रिवर्स रेपो दर 0.25 प्रतिशत घटाकर 3.75 प्रतिशत की गयी।- नीतिगत ब्याज दर (रेपो दर) 4.40 प्रतिशत पर स्थिर।- गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) और सूक्ष्म वित्त संस्थानों (एमएफआई) के लिये 50 हजार करोड़ रुपये के टारगेटेड एलटीआरओ की घोषणा।- नाबार्ड, सिडबी और राष्ट्रीय आवास बैंक के लिये 50 हजार करोड़ रुपये की विशेष व्यवस्था।- राज्यों के लिये अल्पकालिक अर्थोपाय के तहत कर्ज उधार की सीमा 60 प्रतिशत बढ़ायी गयी।- बैंकों को 2019-20 के लिये लाभांश का भुगतान करने छूट दी गयी।- बैंकों के लिये तरलता कवजेर अनुपात 100 प्रतिशत से घटाकर 80 प्रतिशत किया गया।- दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) की समयसीमा में 210 दिन के अतिरिक्त 90 दिन की छूट दी गयी।- एनपीए के प्रावधानों में 90 दिन की छूट दी गयी।- बैंकों को किस्त भुगतान से तीन माह की मोहलत वाले ऋण खातों के लिये 10 प्रतिशत अधिक प्रावधान करने को कहा गया।- नकदी की स्थिति को संभालने के लिये जीडीपी के 3.2 प्रतिशत के बराबर धन प्रणाली में डाला गया।- एक मार्च से 14 अप्रैल के दौरान 1.2 लाख करोड़ रुपये की नयी करेंसी की आपूर्ति की गयी।- दूसरी छमाही में खुदरा मुद्रास्फीति के चार प्रतिशत के दायरे में आ जाने का अनुमान।- मानसून सामान्य रहने के अनुमान से ग्रामीण मांग अच्छी रहने का अंदाजा।- आईएमएफ के अनुमान के मुताबिक वृद्धि दर में तेज गिरावट के बाद अगले वित्त वर्ष में 7.4 प्रतिशत पर पहुंच जाने का अनुमान। 

टॅग्स :कोरोना वायरसभारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई)
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