मुंबई: लोकसभा सांसद अमोल कोल्हे ने मंगलवार को कहा कि वह बीते दिनों पार्टी के हुए घटनाक्रम से बेहद बेचैन थे और सांसद का पद छोड़ना चाहते थे, लेकिन पार्टी प्रमुख शरद पवार से मुलाकात करने के बाद उनसे अपने मन की बात उन्होंने पवार से बताई। उसके बाद ही उन्हें शांति मिली।
पुणे जिले के शिरूर से लोकसभा सांसद अमोल कोल्हे पेशे से अभिनेता हैं। कोल्हे एक तरफ तो शरद पवार के प्रति अपनी निष्ठा दिखा रहे हैं लेकिन बीते रविवार को जब शरद पवार के भतीजे अजित पवार राजभवन में शिंदे सरकार में डिप्टी सीएम पद की शपत ले रहे थे तो आठ अन्य पार्टी विधायकों और एनसीपी के कार्यकारी प्रमुख प्रफुल्ल पटेल के साथ अमोल कोल्हे भी शपथ ग्रहण में मौजूद थे। हालांकि बाद में सांसद कोल्हे ने बयान जारी कर अपनी वफादारी शरद पवार के साथ व्यक्त की थी।
समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए सांसद कोल्हे ने कहा कि एनसीपी में विद्रोह से वो इतने विचलित हुए कि दुख में पार्टी और सांसद पद छोड़ने का विचार कर रहे थे और उन्होंने इस बाबत शरद पवार से मुलाकात करके अपने मन की भावना भी व्यक्त की थी।
उन्होंने कहा, "लेकिन मेरी असहजता को देखते हुए शरद पवार ने मुझसे कहा कि एनसीपी में चल रहे घटनाक्रम को लेकर बेचैनी सिर्फ मेरे मन में नहीं है, बल्कि पूरे महाराष्ट्र के लाखों युवाओं और मतदाताओं के मन में भी है। ऐसे समय में धीरज से काम लेना चाहिए।"
सांसद कोल्हे ने आगे कहा, "मुलाकात में शरद पवार ने सलाह दी कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए हमें राज्य का दौरा करने की जरूरत है। शिरूर के मतदाताओं ने आपको 5 साल के लिए जनादेश दिया है, जिसमें से अब आठ से दस महीने बचे हैं। आप पर निर्वाचन क्षेत्र के विकास कर्तव्य है, उसे मन लगाकर पूरा करें।"
अभिनेता-सांसद अमोल कोल्हे ने शरद पवार के साथ हुई अपनी इस मुलाकात के बाबत एक बयान जारी किया है और कहा है कि उन्हें 82 साल के वयोवृद्ध राजनेता शरद पवार के मार्गदर्शन में उन सवालों का सकारात्मक जवाब मिला, जिनसे वो लगातार जूझ रहे थे। वहीं रविवार की राजभवन की घटना के बाद सांसद कोल्हे ने सोमवार को शरद पवार के प्रति अपनी वफादारी की घोषणा करते हुए कहा था, "जब दिल और दिमाग में जंग हो तो दिल की सुनो।"