नई दिल्ली:कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी की संसद सदस्या बहाल कर दी गई है। लोकसभा सचिवालय ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा मानहानि केस में राहुल गांधी को राहत देने के बाद उनकी संसद सदस्या रद्द करने वाले फैसले को वापस लेते हुए वायनाड के संसद सदस्य रूप में उनकी मान्यता को बहाल कर दिया है। इस कदम से विपक्षी दल के गठबंधन इंडिया में खासा उत्साह नजर आ रहा है।
दरअसल राहुल गांधी की सदस्यता बहाल होने के बाद अब विपक्षी दलों को उम्मीद है कि राहुल गांधी मंगलवार को लोकसभा में मोदी सरकार के खिलाफ कांग्रेस पार्टी द्वारा लाये गये अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान मोदी सरकार को मणिपुर हिंसा समेत कई मुद्दों पर घेर सकते हैं।
इस मुद्दे पर समाचार चैनल एनडीटीवी से बात करते हुए कांग्रेस सांसद मनिकम टैगोर ने कहा, "सभी कांग्रेसी सांसद चाहते हैं कि राहुल गांधी मोदी सरकार के खिलाफ लाये गये अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ बोलें। उन्होंने कहा कि यह इच्छा न केवल कांग्रेस के सांसदों की है बल्कि विपक्षी गठबंधन इंडिया में शामिल घटक दलों के सांसद भी चाहते हैं कि राहुल गांधी इस विषय पर बोलें।"
सांसद मनिकम टैगोर ने आगे कहा, "लेकिन इस विषय में अबी कोई फैसला नहीं हुआ है। राहुल गांधी संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर बोलेंगे या नहीं, इस विषय में लोकसभा में कांग्रेस पार्टी के प्रमुख अधीर रंजन चौधरी को फैसला लेना है और वो ही इस बात को तय करेंगे कि कांग्रेस पार्टी की ओर से अविश्वास प्रस्ताव पर कौन-कौन से नेता बोलेंगे।"
इसके साथ ही सांसद टैगोर ने यह भी कहा, "चूंकि राहुल गांधी 29 जून को हिंसाग्रस्त मणिपुर गए थे , वहां पीड़ितों से मुलाकात करने के बाद राज्यपाल से मुलाकात की थी और उन्हें लोगों की शिकायतों से अवगत कराया था। इस नाते पूरी संभावना है कि राहुल गांधी संसद में भी मणिपुर हिंसा पर बोलें।"
मालूम हो कि संसद का मानसून सत्र आज जैसे ही शुरू हुआ, विपक्षी सदस्यों ने एक बार पिर मणिपुर हिंसा का मुद्दा उठाते हुए जबरदस्त हंगामा और नारेबाजी की। जिसके कारण संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही शुरू होने के फौरन बाद स्थगित कर दी गई थी।0
राहुल गांधी को लोकसभा चुपनाव 2019 के पूर्व कर्नाटक के कोलार में दिये एक भाषण में 'मोदी उपनाम' पर टिप्पणी करने के लिए आपराधिक मानहानि मामले का सामना करना पड़ा था। जिसमें उन्हें गुजरात की सूरत के सेशन कोर्ट से दो साल की सजा मिली थी, जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी। जिसके बाद आज उनकी संसद सदस्यता को फिर से बहाल किया गया है।