NCLAT के फैसले के बाद साइरस मिस्त्री ने कहा-टाटा समूह में किसी भी भूमिका में लौटने में कोई रुचि नहीं
By स्वाति सिंह | Published: January 5, 2020 06:02 PM2020-01-05T18:02:20+5:302020-01-05T18:02:20+5:30
नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्राइब्यूनल (एनसीएलएटी) ने दिग्गज कारोबारी रतन टाटा को झटका देते हुए साइरस मिस्त्री को दोबारा टाटा सन्स का एग्जिक्युटिव चेयरमैन पद पर बहाल करने का आदेश दिया। साइरस मिस्त्री को को चेयरमैन के पद पर बहाल करने के फैसले के खिलाफ टाटा सन्स ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
हाल ही में आए राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के फैसले के बाद साइरस मिस्त्री ने कहा है कि टाटा समूह में किसी भी भूमिका में लौटने में उनकी कोई रुचि नहीं है। समाचार एजेंसी एनएनआई की मानें तो मिस्त्री ने कहा कि उन्होंने कंपनी संचालन में हमेशा सर्वश्रेष्ठ मानदंडों को कायम रखने पर ध्यान दिया। उन्होंने कहा, ''किसी व्यक्ति विशेष या मेरे खुद के हितों से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हैं टाटा समूह के हित।''
बता दें कि नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्राइब्यूनल (एनसीएलएटी) ने दिग्गज कारोबारी रतन टाटा को झटका देते हुए साइरस मिस्त्री को दोबारा टाटा सन्स का एग्जिक्युटिव चेयरमैन पद पर बहाल करने का आदेश दिया। साइरस मिस्त्री को को चेयरमैन के पद पर बहाल करने के फैसले के खिलाफ टाटा सन्स ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) ने साइरस मिस्त्री के टाटा सन्स के चेयरमैन पद से हटाने को अवैध करार दिया था और उन्हें इस पद पर बहाल करने का आदेश दिया था। ट्रिब्यूनल ने एन चंद्रशेखरन को कार्यकारी चेयरमैन बनाने के प्रबंधन के निर्णय को भी अवैध ठहराया था।
क्या है पूरा मामला
साइरस मिस्त्री टाटा सन्स के छठे चेयरमैन थे और उन्हें इस पद से अक्तूबर 2016 में हटा दिया गया था। रतन टाटा के बाद उन्होंने 2012 में चेयरमैन का पदभार ग्रहण किया था। टाटा परिवार से बाहर के दूसरे चेयरमैन थे मिस्त्री उल्लेखनीय है कि टाटा सन्स के निदेशक मंडल ने 24 अक्तूबर, 2016 को एक हैरान करने वाला कदम उठाते हुए मिस्त्री को चेयरमैन पद से बर्खास्त कर दिया था। वह दिसंबर, 2012 में टाटा सन्स के चेयरमैन बने थे। समूह के 150 वर्ष के इतिहास में मिस्त्री चेयरमैन बनने वाले टाटा परिवार से बाहर के दूसरे व्यक्ति थे। उनके पहले 1934-38 के दौरान टाटा समूह से बाहर के नवरोजी सकलतवाला समूह के चेयरमैन थे।
Cyrus Mistry: I will however vigorously pursue all options to protect our rights as a minority shareholder, including
— ANI (@ANI) January 5, 2020
that of resuming the 30 year history of a seat at the Board of Tata Sons&the incorporation of highest standards of corporate governance&transparency at Tata Sons.
Cyrus Mistry: I am humbled by the NCLAT order, which after review of the enormous material on record, recognized the illegal manner in which I was removed and the oppressive and prejudicial conduct of Mr. Tata and other Trustees. https://t.co/PXCemcQHUK
— ANI (@ANI) January 5, 2020
यह सिद्धांतों की जीत
साइरस मिस्त्री ने एनसीएलएटी के आदेश को व्यक्तिगत जीत से इनकार करते हुए इसे बेहतर संचालन व्यवस्था के सिद्धांतों और अल्पांश शेयरधारकों के अधिकारों की जीत बताया है। उन्होंने कहा कि अपील पर फैसला मेरे उस समय के रुख को उचित ठहराता है जब मुझे कार्यकारी चेयरमैन के पद और उसके बाद टाटा संस के निदेशक मंडल से हटाया गया था। मिस्त्री ने कहा, ''पिछली कड़वाहटों को भुलाते हुए यह वक्त टाटा समूह की सतत वृद्धि और विकास के लिये सभी के साथ मिलकर काम करने का है।''