चमकी बुखार का असर, भारत के फल और सब्जियों पर नेपाल ने लगाई रोक

By रजनीश | Published: June 28, 2019 09:32 AM2019-06-28T09:32:21+5:302019-06-28T09:32:21+5:30

चमकी बुखार के प्रकोप से पीड़ित बिहार और भारत के कई अन्य राज्यों के लोगों के सामने एक और समस्या खड़ी हो गई है जिसका पिछले 6 दिनों से कोई हल नहीं निकला है...

after Chamki Fever aes in bihar nepal puts curbs on fruit vegetables imports | चमकी बुखार का असर, भारत के फल और सब्जियों पर नेपाल ने लगाई रोक

चमकी बुखार का असर, भारत के फल और सब्जियों पर नेपाल ने लगाई रोक

बिहार में फैले एक्यूट एनसेफलाइटिस सिंड्रोम (चमकी बुखार-AES) की वजह से वहां का फल और सब्जी का निर्यात भी प्रभावित हो रहा है। नेपाल के अधिकारियों ने बिहार से आने वाले फल और सब्जियों से लदे ट्रक और बैलगाड़ी को नेपाल में प्रवेश के लिए कस्टम चेक प्वाइंट को मना कर दिया है। 

फल और सब्जियों से लदे सैकड़ों ट्रक बिरगंज स्थित कस्टम चेक प्वाइंट पर पिछले 6 दिनों से कस्टम ऑफिस के आदेश का इंतजार कर रहे हैं। ट्रक ड्राइवरों का कहना है कि गाड़ियों में लदे आम, केला जैसे फल सड़ गए हैं और ये फेंकने लायक हो गए हैं।

नेपाल सरकार ने 17 जून से खाने वाले किसी भी उत्पाद के आयात के लिए क्वारंटाइन सर्टिफिकेट अनिवार्य कर दिया है। अचानक से लागू होने वाला यह नया नियम अभी ट्रक ड्राइवरों को पता नहीं था जिसके चलते वो आते जा रहे हैं और यहां फंस जा रहे हैं। इससे छोटे व्यापारियों को बहुत नुकसान हो रहा है।

ये राज्य भी हैं परेशान-
यह परेशानी सिर्फ बिहार ही नहीं बल्कि भारत के अन्य राज्यों के व्यापारियों को भी हो रही है। भारत-नेपाल के बॉर्डर से रोजाना छोटे-बड़े सैकड़ों मालवाहक वाहनों से कर्नाटक, मध्य प्रदेश, नासिक (महाराष्ट्र), कानपुर, बस्ती, बनारस, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, महराजगंज आदि जिलों से सब्जियां व फलों को नेपाल भेजा जाता है। नेपाल सरकार के इस नियम से दोनों ही देशों के छोटे व्यापारियों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है।

नेपाल में भारतीय ट्रकों के प्रतिबंध के बाद कई किलोमीटर लंबा जाम लगा हुआ है। जाम के चलते वापस जाने का रास्ता भी कठिन हो रहा है। ट्रक ड्राइवर रामधनी का कहना है कि उनके ट्रक में प्याज लदा है। लेकिन पिछले तीन दिनों से वो खड़े हैं, नेपाल के अधिकारियों का कहना है कि बिना लैब टेस्ट के खाने-पीने वाला कोई भी माल अंदर नहीं जाएगा। ऐसे में वो यहां अपने-अपने ट्रकों के साथ खड़े हैं।

सीमा जागरण मंच के राज्य प्रमुख महेश अग्रवाल का कहना है कि कस्मटम चेक पोस्ट पर फूड टेस्टिंग लेबोरेट्रीज बनाई जानी चाहिए जो कि छोटे व्यापारियों को क्वारंटाइन सर्टिफिकेट प्रदान करे।  

Web Title: after Chamki Fever aes in bihar nepal puts curbs on fruit vegetables imports

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