Aditya-L1 Launch: सूर्य पर छलांग लगाने को इसरो पूरी तरह तैयार, जानें कैसे और कहां आप देख पाएंगे लाइव स्ट्रीम
By अंजली चौहान | Published: September 2, 2023 09:31 AM2023-09-02T09:31:33+5:302023-09-02T09:54:23+5:30
आदित्य एल1 नामक यह मिशन शनिवार (2 सितंबर) को सुबह 11.50 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लॉन्च पैड (एसएलपी) से लॉन्च होने वाला है।
Aditya-L1 Launch: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन द्वारा चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान को सफलता से उतारने के बाद, अब मिशन सूर्य की बारी है।
आदित्य एल1 नामक यह मिशन शनिवार (2 सितंबर) को सुबह 11.50 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लॉन्च पैड (एसएलपी) से लॉन्च होने वाला है।
चांद के बाद सूरज पर जाने के लिए इसरो का यान पूरी तरह से तैयार है बस कुछ ही घंटों में इसरो का आदित्य एल 1 लॉन्च किया जाएगा। लॉन्च होने से पहले न सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया की नजरें इसरो पर टिकी हुई है।
आदित्य एल 1 की लॉन्चिंग देखने के लिए लोग बेताब है ऐसे में इसरो ने भी लोगों के लिए इसकी लाइव स्ट्रीम का इंतजाम कर रखा है। आइए बताते हैं आपको कैसे आप देख सकते हैं इसरो के इस मिशन की लॉन्चिंग
आदित्य एल1 मिशन लॉन्च की लाइवस्ट्रीम कैसे देखें
लोग सुबह 11:20 बजे से इसरो वेबसाइट https://www.isro.gov.in/ पर जाकर लाइव देख सकते हैं। इसके साथ ही इसरो की आधिकारिक फेसबुक, यूट्यूब चैनल पर जाकर भी दर्शक इस मिशन को सफलतापूर्वक देख सकते हैं। इसके अलावा डीडी नेशनल टीवी चैनल पर लॉन्च को लाइव देख सकते हैं।
PSLV-C57/Aditya-L1 Mission:
— ISRO (@isro) September 1, 2023
The 23-hour 40-minute countdown leading to the launch at 11:50 Hrs. IST on September 2, 2023, has commended today at 12:10 Hrs.
The launch can be watched LIVE
on ISRO Website https://t.co/osrHMk7MZL
Facebook https://t.co/zugXQAYy1y
YouTube…
क्या है आदित्य एल1 मिशन?
गौरतलब है कि संस्कृत में आदित्य का अर्थ सूर्य होता है। आदित्य एल1 सूर्य का अध्ययन करने वाला पहला अंतरिक्ष-आधारित भारतीय मिशन है।
उपग्रह को सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के लैग्रेंज बिंदु 1 एल-1 के चारों ओर एक प्रभामंडल कक्षा में स्थापित किया जाएगा, जो पृथ्वी से लगभग 1.5 मिलियन किमी (पृथ्वी-सूर्य की दूरी का लगभग 1%) है।
जैसा कि हम जानते हैं, सूर्य गैस का एक विशाल गोला है और आदित्य-एल1 सूर्य के बाहरी वातावरण का अध्ययन करेगा। आदित्य-एल1 न तो सूर्य पर उतरेगा और न ही सूर्य के करीब आएगा। अंतरिक्ष यान को सूर्य की ओर निर्देशित किया जाएगा।
एल-1अंतरिक्ष में एक स्थान है जहां दो खगोलीय पिंडों, इस मामले में सूर्य और पृथ्वी, के गुरुत्वाकर्षण बल संतुलन में हैं। इसका मतलब यह है कि इस मामले में एक वस्तु, आदित्य एल1 उपग्रह, वहां रखा गया दोनों खगोलीय पिंडों के संबंध में अपेक्षाकृत स्थिर रहेगा।
कैसे अध्ययन करेगा आदित्य एल-1
आदित्य-एल1 उपग्रह सूर्य के व्यापक अध्ययन के लिए समर्पित है। इसमें सात अलग-अलग पेलोड हैं जो सभी स्वदेशी रूप से विकसित किए गए हैं: पांच इसरो द्वारा और दो इसरो के सहयोग से भारतीय शैक्षणिक संस्थानों द्वारा।
ये पेलोड विद्युत चुम्बकीय और कण और चुंबकीय क्षेत्र डिटेक्टरों का उपयोग करके प्रकाशमंडल, क्रोमोस्फीयर और सूर्य की सबसे बाहरी परतों (कोरोना) का निरीक्षण करेंगे।
जबकि चार पेलोड सीधे सूर्य को देखते हैं, शेष तीन पेलोड लैग्रेंज बिंदु L1 पर कणों और क्षेत्रों का इन-सीटू अध्ययन करते हैं। वे अंतरग्रहीय माध्यम में सौर गतिकी के प्रसार प्रभाव का महत्वपूर्ण वैज्ञानिक अध्ययन प्रदान करेंगे।
उनसे यह भी अपेक्षा की जाती है कि वे कोरोनल हीटिंग, कोरोनल मास इजेक्शन, प्री-फ्लेयर और फ्लेयर गतिविधियों और उनकी विशेषताओं, अंतरिक्ष मौसम की गतिशीलता, कणों और क्षेत्रों के प्रसार आदि की समस्या को समझने के लिए सबसे महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करें।
आदित्य एल1 मिशन पांच साल तक चलने की उम्मीद है। उपग्रह अपने पूरे मिशन जीवन को पृथ्वी और सूर्य को जोड़ने वाली रेखा के लगभग लंबवत समतल में अनियमित आकार की कक्षा में एल1 के चारों ओर परिक्रमा करते हुए बिताएगा।