अडानी-हिंडनबर्ग विवाद: SC ने सेबी को 2 महीने में जांच रिपोर्ट सौंपने का दिया निर्देश, विशेषज्ञ पैनल का किया गठन
By रुस्तम राणा | Published: March 2, 2023 03:55 PM2023-03-02T15:55:26+5:302023-03-02T15:55:26+5:30
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाली पीठ ने कहा कि मामले के विभिन्न अन्य पहलुओं की नियामक संस्था द्वारा जांच की जानी चाहिए। खंडपीठ ने कहा, सेबी को जांच करनी चाहिए कि क्या स्टॉक प्राइसिंग का उल्लंघन और हेरफेर किया गया है।
नई दिल्ली:सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को बाजार नियामक सेबी (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) को अडानी-हिंडनबर्ग मामले में अपनी जांच पूरी करने और दो महीने के भीतर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाली पीठ ने कहा कि मामले के विभिन्न अन्य पहलुओं की नियामक संस्था द्वारा जांच की जानी चाहिए।
खंडपीठ ने कहा, "सेबी को जांच करनी चाहिए कि क्या स्टॉक प्राइसिंग का उल्लंघन और हेरफेर किया गया है।" शीर्ष अदालत ने शेयर बाजार के नियामक तंत्र के मौजूदा ढांचे की समीक्षा के लिए एक विशेषज्ञ समिति का भी गठन किया। इसने सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति एएम सप्रे को समिति का प्रमुख और ओपी भट्ट, न्यायमूर्ति केपी देवदत्त, केवी कामत, नंदन नीलेकणि और सोमशेखर सुंदरसन को समिति के सदस्य के रूप में नियुक्त किया।
आपको बता दें कि हाल ही में हिंडनबर्ग ने अडानी समूह की सूचीबद्ध कंपनियों के खिलाफ एक खुलासा किया था और एक रिपोर्ट प्रकाशित की जिसमें कंपनी पर "हेरफेर और धोखाधड़ी" जैसे गंभीर आरोप लगाए गए थे। हालांकि अडानी समूह ने आरोपों का जोरदार खंडन किया है और कानूनी कार्रवाई की धमकी दी। हिंडनबर्ग के आरोपों के 413 पन्नों के खंडन में, कंपनी ने उन्हें "किसी विशिष्ट कंपनी पर केवल एक अनुचित हमला ही नहीं बल्कि भारत पर एक सुनियोजित हमला" कहा था।
रिपोर्ट के प्रकाशित होने के पश्चात् अडानी समूह की शेयर बाजार में सूचीबद्ध कंपनियों को भारी नुकसान हुआ है। यहां तक कि समूह के मालिक गौतम अडानी की व्यक्तिगत संपत्ति में गिरावट आई। हिंडनबर्ग रिसर्च की 24 जनवरी को रिपोर्ट आने के बाद से अडाणी समूह की सभी कंपनियों को 12,37,891.56 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हो चुका है।