महाराष्ट्र में भाजपा से हाथ मिलाने और प्रदेश के उप मुख्यमंत्री के रूप में शनिवार को शपथ लेने वाले अजित पवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने विधायक दल के नेता पद से बर्खास्त कर दिया। साथ ही, ‘व्हिप’ जारी करने के अजित पवार के अधिकार को भी वापस ले लिया गया है। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
राकांपा विधायक दल की बैठक में एक प्रस्ताव पारित किया गया, जिसमें कहा गया कि अजित पवार के कार्यों ने पार्टी की नीतियों की अवज्ञा की। बैठक में पार्टी अध्यक्ष शरद पवार भी मौजूद थे। प्रस्ताव में कहा गया है कि व्हिप जारी करने के अजित पवार के अधिकार को भी वापस ले लिया गया है। इसमें कहा गया है कि विधायक दल के अगले नेता का चयन होने तक राकांपा के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल के पास उनके सभी अधिकार होंगे।
सूत्रों ने बताया कि आज सुबह महाराष्ट्र की राजनीति के नाटकीय मोड़ लेने के बाद राकांपा प्रमुख शरद पवार ने विधायक दल की बैठक बुलायी थी । इस बैठक में पार्टी के 54 में से 49 विधायक शामिल हुए। सूत्रों ने बताया कि पार्टी को उम्मीद है कि बाकी बचे विधायक भी वापस लौट आयेंगे । महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद पार्टी प्रमुख शरद पवार के भतीजे अजित पवार को 30 अक्टूबर को विधायक दल का नेता चुना गया था।
घटनाक्रम में आलोक में पार्टी ने शरद पवार और जयंत पाटिल को पार्टी के रूख का निर्णय करने के लिए अधिकृत किया है। गौरतलब है कि राकांपा नेता अजित पवार के समर्थन से देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार सुबह मुख्यमंत्री पद की, जबकि राकांपा नेता अजित ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
इस दौरान उद्धव ठाकरे ने अपने विधायकों से पूछा कि क्या आप डरे हुए हैं। इसपर विधायकों ने एक सुर में जवाब दिया नहीं। इसके साथ विधायकों ने आश्वस्त किया कि वे सभी उनके साथ हैं। वह जो कहेंगे, विधायक वही करेंगे।
विधायकों ने उन्हें मुंबई या मुंबई से बाहर किसी अन्य स्थान पर भेजे जाने का निर्णय लेने के लिए भी अधिकृत किया। ठाकरे ने कहा कि चीजें बदल चुकी हैं लेकिन इससे हम पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। हमारा सपना पूरा होगा। सरकार शिवसेना की बनेगी। उन्होंने कहा कि पवार साहब हमारे साथ हैं, कांग्रेस हमारे साथ है।
महाराष्ट्र में शनिवार सुबह पांच बजकर 47 मिनट पर राष्ट्रपति शासन हटाए जाने के बाद भाजपा-राकांपा सरकार ने कार्यभार संभाला। राज्य में 12 नवंबर को राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया था।
देवेंद्र फड़नवीस ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। वहीं, अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि भाजपा के साथ जाने का फैसला उनके भतीजे का व्यक्तिगत निर्णय है न कि पार्टी का। राजभवन में तड़के हुए शपथ ग्रहण समारोह के बारे में लोगों को आभास भी नहीं हुआ और कुछ लोगों ने इसे ‘‘गुप्त’’ घटना बताया।