सरकार बजट में प्रॉपर्टी बेचने वालों को बड़ी राहत दे सकती है। वह प्रॉपर्टी की बिक्री पर लगने वाले लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स को हटा सकती है। वहीं, शेयरों पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स (एलटीसीजी) की समयसीमा को 1 साल से बढ़ाकर 2 साल कर सकती है। इसके अलावा डिविडेंड पर लगने वाले डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स में भी बदलाव कर सकती है।
घर, प्रॉपर्टी, बैंक एफडी, ज्वेलरी, बॉड, एनपीएस और कार आदि से हुए मुनाफे पर कैपिटल गेन टैक्स लगता था, लेकिन अब इसमें शेयर भी शामिल हो गया है। पिछले वित्त वर्ष में शेयरों पर लॉन्ग टर्म कैपिटल टैक्स को बहाल किया था। अब शेयरों से किसी भी वित्त वर्ष में हासिल होने वाले 1 लाख रु पए से ज्यादा के लाभ पर 10 प्रतिशत की दर से टैक्स लगता है।
शेयर की होल्डिंग पीरियड बढ़ने से आपको निवेश में कम से कम दो साल तक बना रहना होगा। उसके बाद ही आप लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन के दायरे में आ सकते हैं। यही नहीं, निवेश को बढ़ावा देने के लिए सरकार कंपनियां द्वारा दिए जाने वाले डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स (डीडीटी) में भी बदलाव कर सकती है। सूत्रों का कहना है कि सरकार डीडीटी की देनदारी में बदलाव कर सकती है। डीडीटी जारी करने वाले की जगह टैक्स पाने वाले पर लग सकता है।