Amanatullah Khan: आम आदमी पार्टी के नेता और ओखला से विधायक अमानतुल्ला खान के लिए एक बड़ी राहत है। दिल्ली की अदालत ने मंगलवार को आम आदमी पार्टी (आप) विधायक को पुलिस टीम पर हमला करने के एक मामले में अग्रिम जमानत दे दी। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने मंगलवार को विधायक अमानतुल्लाह खान को अग्रिम जमानत दे दी। इससे पहले अदालत ने ओखला विधायक को 24 फरवरी तक किसी भी दंडात्मक कार्रवाई से सुरक्षा प्रदान की थी। पुलिस को 24 फरवरी को घटना से संबंधित सीसीटीवी फुटेज के अलावा दस्तावेज अदालत के समक्ष लाने का भी निर्देश दिया था।
ल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को आम आदमी पार्टी (आप) विधायक अमानतुल्लाह खान को अग्रिम जमानत दे दी। उन पर राष्ट्रीय राजधानी के जामिया नगर में हाल ही में दिल्ली पुलिस के दल पर हमले का आरोप है। विशेष न्यायाधीश जितेन्द्र सिंह ने राहत देते हुए खान को जांच में शामिल होने का निर्देश दिया।
दिल्ली पुलिस ने 10 फरवरी को हुई घटना के संबंध में ओखला विधायक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी और आरोप लगाया था कि उन्होंने एक भीड़ का नेतृत्व किया और हत्या के प्रयास के एक मामले में आरोपी घोषित एक अपराधी को हिरासत से भागने में मदद की। पुलिस ने बताया कि कथित घटना उस समय हुई जब दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने शाबाज खान नामक व्यक्ति को गिरफ्तार करने का प्रयास किया।
राउज एवेन्यू कोर्ट ने जमानत देते हुए अमानतुल्ला को 25 हजार रुपये का निजी मुचलका जमा करने का आदेश दिया और दिल्ली पुलिस की जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया। अदालत ने उन्हें आदेश दिया कि जब भी जांच अधिकारी उन्हें बुलाएं तो वह पेश हो और अदालत की अनुमति के बिना वह देश नहीं छोड़ सकते। यह घटनाक्रम तब हुआ है जब खान ने उस मामले में अग्रिम जमानत के लिए दिल्ली की एक अदालत का रुख किया था, जहां उन पर 10 फरवरी को जामिया नगर में पुलिस टीम पर हमले का नेतृत्व करने का आरोप था।
दिल्ली विधानसभा में मंगलवार को उपराज्यपाल वी के सक्सेना के अभिभाषण को बाधित करने के आरोप में विपक्ष की नेता आतिशी समेत आम आदमी पार्टी (आप) के 21 विधायकों को तीन दिन के लिए निलंबित कर दिया गया। उनके निलंबन का प्रस्ताव दिल्ली लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) मंत्री प्रवेश वर्मा द्वारा पेश किया गया और सदन में ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।
निलंबित विधायकों को 27 और 28 फरवरी को विधानसभा की कार्यवाही में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी। मंगलवार को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही आतिशी ने ‘आप’ के अन्य विधायकों के साथ मुख्यमंत्री कार्यालय से बी आर आंबेडकर की तस्वीर कथित तौर पर हटाए जाने का विरोध किया।
आम आदमी पार्टी विधायकों ने भाजपा नीत सरकार पर आंबेडकर का अनादर करने का आरोप लगाया और उसके खिलाफ नारे लगाए। विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने व्यवधानों पर निराशा व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘जब विधानसभा सत्र शुरू हुआ, तो हमें उम्मीद थी कि सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों विकास के लिए मिलकर काम करेंगे, क्योंकि आज की चर्चा बहुत महत्वपूर्ण थी।’’
दिल्ली विधानसभा में ‘आप’ के 22 विधायक हैं। ओखला सीट से विधायक अमानतुल्लाह खान को छोड़कर ‘आप’ के अन्य सभी विधायकों को निलंबित कर दिया गया है। खान सदन में अनुपस्थित थे। निलंबन के बाद 21 विधायकों ने विधानसभा परिसर में प्रदर्शन किया। उन्होंने ‘‘बाबासाहेब का ये अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान’’ और ‘‘जय भीम’’ के नारे लगाए।
आतिशी ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मुख्यमंत्री कार्यालय से बी.आर. आंबेडकर की तस्वीर हटाकर उनका अपमान किया है। उन्होंने प्रेस वार्ता में कहा, ‘‘भाजपा ने बाबासाहेब आंबेडकर की तस्वीर को हटाकर अपना असली रंग दिखाया है। क्या वह मानती है कि (प्रधानमंत्री नरेन्द्र) मोदी बाबासाहेब की जगह ले सकते हैं?’’
‘आप’ ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा के नेतृत्व वाले प्रशासन ने दिल्ली सचिवालय और विधानसभा दोनों जगह पर मुख्यमंत्री के कार्यालय से आंबेडकर की तस्वीरों को हटा दिया है। अध्यक्ष गुप्ता ने विधानसभा की कार्यवाही को 27 फरवरी पूर्वाह्न 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।
‘आप’ विधायकों के निलंबन पर टिप्पणी करते हुए दिल्ली के मंत्री रविंद्र इंद्राज सिंह ने कहा, ‘‘यह कोई विरोध प्रदर्शन नहीं है। ‘आप’ के ये नेता डरे हुए हैं... वे इस्तीफा देने के बजाय विधानसभा में अशांति फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। वे कुछ छिपाने की कोशिश कर रहे हैं।’’ सिंह के मंत्रिमंडल सहयोगी आशीष सूद ने आरोप लगाया कि ‘आप’ अपने कार्यकाल के दौरान हुए भ्रष्टाचार से ध्यान हटाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘जब भी ‘आप’ हंगामा करने की कोशिश करती है, तो वह कोशिश उसके भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए होती है।
कैग (नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक) की रिपोर्ट उसके गलत कामों को उजागर करेगी।’’ ‘आप’ ने सोमवार को आरोप लगाया था कि दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के कार्यालय से आंबेडकर और भगत सिंह की तस्वीरें हटा दी गईं।
भाजपा ने ‘आप’ पर विधानसभा में पेश की जाने वाली कैग रिपोर्ट से लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश करने का आरोप लगाया। भाजपा ने मुख्यमंत्री कार्यालय की तस्वीरें साझा करते हुए कहा, ‘‘मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और अन्य मंत्रियों के कार्यालयों में महात्मा गांधी, बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर, भगत सिंह, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की तस्वीरें लगी हुई हैं।’’