Delhi excise policy case: दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामले में आम आदमी पार्टी को बनाया गया आरोपी
By रुस्तम राणा | Updated: May 17, 2024 16:38 IST2024-05-17T16:24:12+5:302024-05-17T16:38:55+5:30
Delhi excise policy case: रिपोर्ट में कहा गया है कि अभियोजन पक्ष ने शुक्रवार को एक शिकायत दर्ज की, जिसमें मामले में आप को आरोपी बनाया गया।

Delhi excise policy case: दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामले में आम आदमी पार्टी को बनाया गया आरोपी
नई दिल्ली: लाइव लॉ की शुक्रवार की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामले में आम आदमी पार्टी (आप) को आरोपी बनाया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अभियोजन पक्ष ने शुक्रवार को एक शिकायत दर्ज की, जिसमें मामले में आप को आरोपी बनाया गया। भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने कथित तौर पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि अभियोजन शिकायत शुक्रवार को "दायर की जा रही है" और मामले में AAP को आरोपी बनाया गया है।
सुप्रीम कोर्ट दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें उन्होंने दिल्ली की उत्पाद शुल्क नीति के संबंध में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा उनके खिलाफ दर्ज किए गए मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनकी गिरफ्तारी को चुनौती दी थी। इस साल मार्च में मामले में गिरफ्तार किए गए केजरीवाल को 1 जून तक अंतरिम जमानत दी गई थी।
प्रवर्तन निदेशालय की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने आरोप लगाया, "हमने साबित कर दिया है कि रिश्वत (आप द्वारा प्राप्त) हवाला के माध्यम से भेजी गई थी और गोवा में इसे चुनाव अभियान संभालने वाले दो व्यक्तियों द्वारा वितरित किया गया था।"
#BREAKING ED says complaint is being filed today making AAP an accused in the liquor policy case. https://t.co/wL2EGhNUIt
— Live Law (@LiveLawIndia) May 17, 2024
सुप्रीम कोर्ट ने तब एएसजी से पूछा, "...आप इसे कैसे साबित करेंगे? आप विश्वास करने का कारण कैसे नहीं बताएंगे?" बार और बेंच ने बताया कि ईडी के वकील का यह तर्क "विश्वास करने के कारणों में नहीं दिया गया" है। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल के वकील से कहा कि 'गिरफ्तारी के आधार और विश्वास करने के कारण' में अंतर है।
पीठ ने कहा, "अब वे (ईडी) कह रहे हैं कि उनके पास एपी से गोवा तक हवाला हस्तांतरण के संबंध में सबूत हैं.. अब वे कहते हैं कि साक्ष्य में सामग्री है।" केजरीवाल के वकील ने कहा, ''गिरफ्तारी के आधार में इस सामग्री का रत्ती भर भी जिक्र नहीं है।''