केंद्र द्वारा लाए अध्यादेश की लड़ाई में आम आदमी पार्टी को नहीं मिलेगा कांग्रेस का साथ: सूत्र
By रुस्तम राणा | Published: May 29, 2023 07:23 PM2023-05-29T19:23:09+5:302023-05-29T19:23:09+5:30
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मामले पर राय जानने के लिए दोनों राज्यों के नेताओं की बैठक बुलाई थी। बैठकों के दौरान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी मौजूद रहे।
नई दिल्ली: दिल्ली में प्रशासनिक सेवाओं के नियंत्रण को लेकर केंद्र के साथ चल रही खींचतान में आप सरकार केंद्र द्वारा लाए अध्यादेश के विरोध में विभिन्न विपक्षी दलों के साथ मुलाकात कर उनका समर्थन पाने की कोशिश में जुटी है। लेकिन कांग्रेस पार्टी दिल्ली की केजरीवाल सरकार इस मामले में अपना समर्थन देने से इनकार कर सकती है।
दिल्ली और पंजाब के कांग्रेस नेताओं ने सोमवार को अलग-अलग बैठकों में यहां पार्टी नेतृत्व से मुलाकात की और उन्हें दिल्ली सेवा अध्यादेश मुद्दे पर आम आदमी पार्टी का समर्थन नहीं करने का सुझाव दिया। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मामले पर राय जानने के लिए दोनों राज्यों के नेताओं की बैठक बुलाई थी। बैठकों के दौरान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी मौजूद रहे।
सूत्रों ने कहा कि अधिकांश नेताओं ने नेतृत्व को अरविंद केजरीवाल के साथ कोई संबंध नहीं रखने के लिए कहा है। पार्टी नेताओं ने उन्हें भाजपा की "बी-टीम" माना है। दावा किया कि उन्होंने न केवल दिल्ली और पंजाब बल्कि अन्य राज्यों में भी कांग्रेस के हितों को नुकसान पहुंचाया।
सूत्रों ने कहा कि केजरीवाल ने केंद्र द्वारा लाए गए एक अध्यादेश के खिलाफ समर्थन मांगने के लिए श्री खड़गे और श्री गांधी के साथ बैठक का अनुरोध करने के मद्देनजर बैठक की, जिसने दिल्ली सरकार को नौकरशाहों को स्थानांतरित करने की शक्ति देने वाले सुप्रीम कोर्ट के आदेश को प्रभावी ढंग से रद्द कर दिया। शहर में।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कथित तौर पर अरविंद केजरीवाल को अवगत कराया है कि वह राज्य के पार्टी नेताओं के साथ बात करने के बाद इस मामले पर विचार करेंगे। सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व अपनी स्थिति तय करने से पहले अन्य राज्यों के पार्टी नेताओं से भी मुलाकात करेगा।
पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वारिंग ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने पार्टी आलाकमान के समक्ष अपने विचार रख दिए हैं और अंतिम निर्णय उसी पर छोड़ दिया है। राजा वारिंग ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, "सभी नेताओं ने कहा है कि पार्टी आलाकमान फैसला करेगा और हमने अंतिम फैसला लेने का फैसला पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे पर छोड़ दिया है।"