सीबीआई जांच पर उच्चतम न्यायालय का बड़ा फैसला, पहले राज्यों से लेनी होगी सहमति, जानिए मामला

By सतीश कुमार सिंह | Updated: November 19, 2020 15:40 IST2020-11-19T15:38:41+5:302020-11-19T15:40:06+5:30

न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति बी. आर. गवई की एक पीठ ने कहा कि प्रावधान संविधान के संघीय चरित्र के अनुरूप हैं, जिसे इसकी बुनियादी संरचनाओं में से एक माना गया है।

aaj ka taja samachar supreme court decision cbi case now permission taken from states | सीबीआई जांच पर उच्चतम न्यायालय का बड़ा फैसला, पहले राज्यों से लेनी होगी सहमति, जानिए मामला

सीबीआई जांच की वैधता को इस आधार पर चुनौती दी गई थी कि जांच के लिए राज्य सरकार से पूर्व सहमति नहीं ली गई। 

Highlightsराज्य सरकार की सहमति उसके अधिकार क्षेत्र में सीबीआई जांच के लिए अनिवार्य है।अधिकार क्षेत्र के विस्तार और राज्य सरकार की शक्तियों और अधिकार क्षेत्र के लिए सहमति प्रदान करते हैं।डीएसपीई अधिनियम की धारा छह के तहत संबंधित क्षेत्र में इस तरह के विस्तार के लिए अपनी सहमति नहीं देता तब तक यह स्वीकार्य नहीं है।

नई दिल्लीः उच्चतम न्यायालय ने बड़ा फैसला सुनाया है। अब सीबीआई जांच के लिए संबंधित राज्य से अनुमति लेना अनिवार्य होगा। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि राज्य सरकार की सहमति उसके अधिकार क्षेत्र में सीबीआई जांच के लिए अनिवार्य है और इसके बिना एजेंसी जांच नहीं कर सकती।

न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति बी. आर. गवई की एक पीठ ने कहा कि प्रावधान संविधान के संघीय चरित्र के अनुरूप हैं, जिसे इसकी बुनियादी संरचनाओं में से एक माना गया है। शीर्ष अदालत ने दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना (डीएसपी) अधिनियम की धारा पांच और छह का हवाला दिया, जो अन्य क्षेत्रों के लिए विशेष पुलिस प्रतिष्ठान की शक्तियों और अधिकार क्षेत्र के विस्तार और राज्य सरकार की शक्तियों और अधिकार क्षेत्र के लिए सहमति प्रदान करते हैं।

पीठ ने कहा, ‘‘ इसे, इस तरह देखा जा सकता है, जैसे धारा पांच केन्द्र सरकार को राज्य के लिए केन्द्र शासित प्रदेशों से परे डीएसपीई के सदस्यों की शक्तियों और अधिकार क्षेत्र का विस्तार करने में सक्षम बनाती है, वैसे ही जब तक कोई राज्य डीएसपीई अधिनियम की धारा छह के तहत संबंधित क्षेत्र में इस तरह के विस्तार के लिए अपनी सहमति नहीं देता तब तक यह स्वीकार्य नहीं है।’’

शीर्ष अदालत ने कुछ आरोपियों, निजी और लोकसेवकों की ओर से दायर उन अपील पर यह बात कही, जिसमें उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई जांच की वैधता को इस आधार पर चुनौती दी गई थी कि जांच के लिए राज्य सरकार से पूर्व सहमति नहीं ली गई। 

बता दें कि हाल ही में महाराष्ट्र सरकार ने एक आदेश जारी कर कहा था कि राज्य में जांच करने के लिए केंद्रीय एजेंसी को दी गई अनुमति वापस ली जाती है। हालांकि सरकार द्वारा जांच के लिए अनुमति वापस लेने से पहले से जारी छानबीन पर कोई असर नहीं पड़ेगा, लेकिन भविष्य में यदि एजेंसी राज्य में किसी नए मामले की जांच करना चाहती है तो उसे राज्य सरकार से इजाजत लेनी होगी बशर्ते अदालत की तरफ से जांच के आदेश न दिए गए हों।

इन राज्यों ने वापस ली है सीबीआई को दी सहमति

आठ गैर भाजपा शासित राज्यों- झारखंड, केरल, महाराष्ट्र, बंगाल, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मिजोरम और पंजाब ने नए मामलों की जांच के लिए सीबीआई को दी गई सामान्य सहमति वापस ले ली है।

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