बिहार में नई सरकारः सीएम नीतीश ने मांगी जानकारियां, कई विभाग में हजारों पद खाली, जानिए किस जगह कितने पद रिक्त

By एस पी सिन्हा | Published: November 19, 2020 06:53 PM2020-11-19T18:53:48+5:302020-11-19T18:55:31+5:30

सामान्य प्रशासन विभाग ने इस आशय का एक पत्र सभी अपर मुख्य सचिव, विभागीय प्रधान सचिव एवं सचिव को भेजा है. पत्र में सभी संवर्ग में कार्यरत संविदा कर्मियों की संख्या, स्वीकृत पद व खाली पदों की संख्या की जानकारी देने को कहा गया है. 

aaj ka taja samachar New government Bihar CM Nitish kumar information thousands posts vacant many departments | बिहार में नई सरकारः सीएम नीतीश ने मांगी जानकारियां, कई विभाग में हजारों पद खाली, जानिए किस जगह कितने पद रिक्त

अधिकारियों को इस कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखने की हिदायत भी दी गई है. (file photo)

Highlights जानकारी के अनुसार इसमें रिटायर्ड लोगों के समायोजन किये जाने की संख्या नहीं देने को कहा गया है. मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव व सभी विभागों के विभागाध्यक्षों को पत्र भेजकर आधिकारिक तौर पर रिक्तियों की जानकारी मांगी गई है. बताने को कहा गया है कि इसके अतिरिक्त संविदा के आधार पर कितनी संख्या में नौकरियों का मामला प्रक्रियाधीन है.

पटनाः बिहार में एनडीए सरकार बनने के साथ ही युवाओं को रोजगार देने के वादे पर सरकार ने काम शुरू कर दिया है. नीतीश सरकार ने नई नियुक्तियों के मामले में कवायद तेज कर दी है.

बिहार सरकार ने विभिन्न महकमों में कार्यरत संविदा कर्मियों की सूची मांगी है. सामान्य प्रशासन विभाग ने इस आशय का एक पत्र सभी अपर मुख्य सचिव, विभागीय प्रधान सचिव एवं सचिव को भेजा है. पत्र में सभी संवर्ग में कार्यरत संविदा कर्मियों की संख्या, स्वीकृत पद व खाली पदों की संख्या की जानकारी देने को कहा गया है. 

प्राप्त जानकारी के अनुसार इसमें रिटायर्ड लोगों के समायोजन किये जाने की संख्या नहीं देने को कहा गया है. इस संबंध में सभी सरकारी विभागों के पर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव व सभी विभागों के विभागाध्यक्षों को पत्र भेजकर आधिकारिक तौर पर रिक्तियों की जानकारी मांगी गई है. पूछा गया है कि उनके विभाग में उनके अधीन रिक्त पदों की कितनी संख्या है. यह भी बताने को कहा गया है कि इसके अतिरिक्त संविदा के आधार पर कितनी संख्या में नौकरियों का मामला प्रक्रियाधीन है.

अधिकारियों को इस कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखने की हिदायत भी दी गई

अधिकारियों को इस कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखने की हिदायत भी दी गई है. सरकार की तेजी देखकर माना जा रहा है कि जल्द ही बडी संख्या में नियुक्तियां की जा सकती हैं. सरकार की इस पहल को बिहार विधानसभा चुनाव में सबसे अहम मुद्दों में से एक बेरोजगारी से जोड़कर देखा जा रहा है. माना जा रहा है कि नीतीश कुमार की सरकार ने रोजगार के मुद्दे पर कवायद शुरू कर दी है. बताया जा रहा है कि विभागवार पदों को भरने के लिए जल्द ही विज्ञापन जारी किया जा सकता है.

यहां बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान बेरोजगारी सबसे बडा मु्द्दा था. युवाओं ने रोजगार के नाम पर बंपर वोटिंग की थी. नेता प्रतिपक्ष तेजस्‍वी यादव ने वादा किया था कि महागठबंधन की सरकार बनते ही पहले कैबिनेट में दस लाख नौकरी देने का हस्‍ताक्षर करूंगा. वहीं भाजपा ने भी 19 लाख रोजगार देने का वादा किया था.

जदयू भी इस वादे में पीछे नहीं था. महागठबंधन ने सरकारी नौकरी और रोजगार को चुनाव में बडा मुद्दा बनाया था. महागठबंधन ने वादा किया था कि अगर उनकी सरकार बनती है तो 24 घंटे के भीतर ही 10 लाख नौकरियां देने की कवायद शुरू होगी. मुद्दे को समर्थन मिलता देख अब राजग की सरकार बनने के बाद उसी वादे को पूरा करने की कवायद की जा रही है.

18 नवंबर को सभी विभागों को भेजे गए पत्र में कहा गया

सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा बुधवार, 18 नवंबर को सभी विभागों को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि वे बताएं कि उनके महकमे में स्वीकृत पदों के विरुद्ध संविदा पर नियोजित कर्मियों व अधिकारियों की संख्या कितनी है? स्वीकृत पदों के विरुद्ध संविदा नियोजन के लिए जिन मामलों में नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है, उसकी भी संख्या मांगी गई है. यह भी पूछा गया है कि स्वीकृत पदों के विरुद्ध संविदा नियोजन पर कितनी संख्या में पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों की नियुक्ति की जा सकती है?

इसके अतिरिक्त अन्य जरूरतों के हिसाब से संविदा पर कितनी संख्या में पदाधिकारियों एवं कर्मियों की नियुक्ति की जा सकती है? इस पूरी प्रक्रिया में रिटायर कर्मियों की संविदा पर नियुक्ति के मामले को नहीं रखा गया है. पत्र में यह भी कहा गया है कि सरकार के संकल्प के आधार पर कुछ अन्य पदों पर भी संविदा के आधार पर नियुक्ति की प्रक्रिया प्रस्तावित है.

इसके लिए विज्ञापन प्रकाशित कराया जाना है. सरकारी दफ्तरों में संविदा पर नियुक्ति के लिए सामान्य प्रशासन विभाग ने 18 जुलाई 2007 को संकल्प जारी किया था. उसी के आधार पर नियुक्तियां की जा रही हैं. राज्य मुख्यालय ही नहीं, बल्कि क्षेत्रीय कार्यालय यानी जिला एवं प्रखंड आदि के दफ्तरों के रिक्त पदों की संख्या भी जुटाई जा रही है. इसके भी आंकडे मांगे गए हैं कि क्षेत्रीय कार्यालयों के अधीन संविदा पर नियुक्ति की कहां-कहां प्रक्रिया चल रही और उसकी संख्या क्या है?

बताया जाता है कि नगर विकास एवं आवास विभाग में कनीय अभियंता के 442 पद खाली हैं. उसी तरह से बिहार पुलिस में कांस्टेबल के 8415 पद रिक्त पडे हैं. जबकि सहायक प्राध्यापक गणित (बीपीएससी)-126, आईजीआईएमएस में सीनियर रेजिडेंट व ट्यूटर- 60, सहायक प्राध्यापक (इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग)-18, हेल्थ सोसायटी के माध्यम से प्रखंड एकाउंटेंट- 472, हाई स्कूल व प्लस टू स्कूलों में शिक्षक- 33 हजार, बिहार पुलिस में 133 स्टेनो के पद के अलावे कांफेड में 39 जूनियर टेकनीशियन के पद रिक्त पडे़ हैं. इसके अलावे प्रखंड कार्यालयों मेम भी बडे पैमाने पर पद खाली पडे़ हुए हैं, जिसके चलते काम की गति नही पकड पा रही है. ऐसे में अब सरकार रिक्तियों को जल्द से जल्द भरना चाहती है.

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