CoWIN पर कोरोना वैक्सीनेशन के लिए अनिवार्य नहीं आधार कार्ड, जनता इन पहचान पत्रों से करवा सकती है पंजीकरण: केंद्र ने SC से कहा

By मनाली रस्तोगी | Updated: February 7, 2022 15:28 IST2022-02-07T15:24:47+5:302022-02-07T15:28:33+5:30

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि कोविड-19 वैक्सीनेशन के लिए सिर्फ आधार कार्ड का होना जरूरी नहीं है। वैक्सीनेशन के लिए CoWIN पोर्टल पर आधार कार्ड सहित नौ अन्य तरह के पहचान पत्रों की मदद से रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है।

Aadhar card not mandatory for registering on Cowin platform says Center to Supreme Court | CoWIN पर कोरोना वैक्सीनेशन के लिए अनिवार्य नहीं आधार कार्ड, जनता इन पहचान पत्रों से करवा सकती है पंजीकरण: केंद्र ने SC से कहा

CoWIN पर कोरोना वैक्सीनेशन के लिए अनिवार्य नहीं आधार कार्ड, जनता इन पहचान पत्रों से करवा सकती है पंजीकरण: केंद्र ने SC से कहा

Highlightsकेंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि CoWIN पोर्टल पर पंजीकरण करने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य नहींटीकाकरण के लिए पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, मतदान कार्ड, राशन कार्ड सहित नौ पहचान दस्तावेजों में से एक का ही होना अनिवार्य हैशीर्ष अदालत ने इस याचिका के संबंध में एक अक्टूबर 2021 को केन्द्र सरकार को नोटिस जारी किया था

नई दिल्ली: स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि कोरोना वैक्सीनेशन के लिए महज आधार कार्ड का होना जरूरी नहीं है। वैक्सीनेशन के लिए CoWIN पोर्टल पर आधार कार्ड सहित नौ अन्य तरह के पहचान पत्रों की मदद से रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में आज कोरोना टीकाकरण के लिए सिर्फ आधार को पहचान पत्र मानने को चुनौती देने वाली याचिका का निपटारा किया गया। 

इसी क्रम में न्यायमूर्ति डी। वाई। चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की एक पीठ को परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा बताया गया कि कोरोना वैक्सीनेशन के रजिस्ट्रेशन के लिए जनता पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, मतदान कार्ड, राशन कार्ड जैसे पहचान दस्तावेजों का इस्तेमाल कर सकती है। वहीं, पीठ ने कहा, "एक अक्टूबर 2021 इस अदालत के आदेश के अनुसार, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने एक हलफनामा दाखिल किया है, जिसमें कहा गया है कि CoWIN मंच पर पंजीकरण के लिए आधार कार्ड अनिवार्य नहीं है और नौ पहचान दस्तावेजों में से किसी एक को भी इसके लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।" 

पीठ ने आगे कहा, "हलफनामे में यह भी कहा गया कि अन्य श्रेणी के लोगों के लिए प्रावधान किया गया है, जिनके पास पहचान पत्र नहीं हो सकते हैं जैसे जेल के कैदी, मानसिक स्वास्थ्य केन्द्रों के लोग आदि। केन्द्र के अधिवक्ता ने बताया है कि बिना पहचान पत्र वाले लगभग 87 लाख लोगों को टीके लगाए गए हैं। याचिकाकर्ता की शिकायत है कि उसे आधार कार्ड नहीं होने के कारण टीकाकरण से वंचित कर दिया गया था, इस समस्या का भी हलफनामे में निपटारा किया गया है।"

पीठ ने ये भी कहा, "स्वास्थ्य मंत्रालय ने महाराष्ट्र के प्रमुख सचिव (स्वास्थ्य) को संबंधित निजी टीकाकरण केन्द्र के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए एक पत्र भेजा गया है, जिसने वैध पासपोर्ट आईडी होने के बावजूद याचिकाकर्ता को टीका लगाने से इनकार कर दिया था। याचिकाकर्ता की शिकायत का विधिवत निपटारा किया जाता है। सभी संबंधित अधिकारी सरकार की नीति के अनुसार कार्य करें।" मालूम हो, याचिका में भारतीय जनता को दिए गए टीकाकरण के अधिकार की सुरक्षा के लिए पूरे देश में पहले से ही अधिसूचित नियमों/नीतियों को प्रभावी और गैर-भेदभावपूर्ण तरीके से लागू करने का अनुरोध किया गया था।

बताते चलें कि इस मुद्दे को लेकर सिद्धार्थशंकर शर्मा ने याचिका दाखिल की थी, जिसमें दावा किया गया था कि CoWIN पोर्टल पर कोरोना टीकाकरण के लिए सिर्फ आधार कार्ड पर अनिवार्य रूप से जोर दिया जा रहा है। ऐसे में इस याचिका के संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को एक अक्टूबर 2021 को नोटिस जारी किया था। 

(भाषा इनपुट के साथ)

Web Title: Aadhar card not mandatory for registering on Cowin platform says Center to Supreme Court

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