जम्मू कश्मीर में भयानक आतंकी खतरा! चार दर्जन से ज्यादा आतंकी प्रदेश में कर चुके हैं घुसपैठ

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: December 28, 2025 05:54 IST2025-12-28T05:54:18+5:302025-12-28T05:54:48+5:30

फिलहाल इन आतंकियों के घुसने की सूचनाओं की कोई आधिकारिक पुष्टि किसी भी सुरक्षा एजेंसी ने नहीं की है। पर इतना जरूर है कि प्रदेश के कई हिस्सों में पिछले एक पखवाड़े से बंदूकधारी संदिग्धों को देखे जाने की खबरें जरूर मिल रही हैं।

A serious terrorist threat looms in Jammu and Kashmir! It is claimed that more than four dozen terrorists have infiltrated the region | जम्मू कश्मीर में भयानक आतंकी खतरा! चार दर्जन से ज्यादा आतंकी प्रदेश में कर चुके हैं घुसपैठ

जम्मू कश्मीर में भयानक आतंकी खतरा! चार दर्जन से ज्यादा आतंकी प्रदेश में कर चुके हैं घुसपैठ

जम्मू: पिछले एक पखवाड़े से प्रदेश में करीब 200 गांवों में चल रहे सुरक्षाबलों के व्यापक तलाशी अभियानों के पीछे का सच यह है कि यह उन आतंकियों की तलाश के लिए हैं जिनके प्रति कहा जा रहा है वे उस पार से घुसने में कामयाब रहे हैं। चौंकाने वाला तथ्य यह है कि इनकी संख्या चार दर्जन से अधिक बताई जा रही है।

फिलहाल इन आतंकियों के घुसने की सूचनाओं की कोई आधिकारिक पुष्टि किसी भी सुरक्षा एजेंसी ने नहीं की है। पर इतना जरूर है कि प्रदेश के कई हिस्सों में पिछले एक पखवाड़े से बंदूकधारी संदिग्धों को देखे जाने की खबरें जरूर मिल रही हैं। इन खबरों के बाद अब इस रहस्योद्घाटन के बाद प्रदेश में दहशत का माहौल है क्योंकि बताया जा रहा है कि ताजा घुसने वाले आतंकियों के निशाने प्रदेश के महत्वपूर्ण संस्थान हैं।

दरअसल एक समाचार चैनल ने रक्षा सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि कई इंटेलिजेंस इनपुट्स के बाद, भारतीय सेना ने जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़, डोडा व एलओसी से सटे जिलों में काउंटर-टेरर आपरेशन तेज कर दिए हैं।

सूत्रों के मुताबिक, माना जा रहा है कि जम्मू इलाके के ऊंचे और बीच के पहाड़ी इलाकों में करीब 40-45 पाकिस्तानी आतंकवादी छिपे हुए हैं। उन्होंने कहा कि ये आतंकवादी सर्दियों के मौसम और बर्फ का इस्तेमाल करके पहचान से बचने और सुरक्षाबलों के साथ सीधी लड़ाई से बचने की कोशिश कर रहे हैं।

सूत्रों ने कहा कि आतंकवादी मौसम में जिंदा रहने के लिए अस्थाई सर्दियों के ठिकाने ढूंढ रहे हैं, जिससे उन्हें सुनसान और मुश्किल इलाकों में जाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। लोकल सपोर्ट नेटवर्क कमजोर होने के कारण, वे खाना और सप्लाई पाने के लिए जबरदस्ती पर ज्यादा निर्भर हो रहे हैं।

इस बीच, सेना के जवानों ने दबाव बनाए रखने के लिए बर्फ से ढकी पहाड़ियों और दूर के जंगली इलाकों में अपनी मौजूदगी बढ़ा दी है। आपरेशनल फायदा बनाए रखने के लिए, बहुत ज्यादा ठंड में जिंदा रहने और लड़ने के लिए तैयार, खास तौर पर ट्रेंड विंटर वारफेयर यूनिट्स को तैनात किया गया है।

जम्मू कश्मीर पुलिस, बीएसएफ, केरिपुब, स्पेशल आपरेशन ग्रुप, फारेस्ट गार्ड्स और विलेज डिफेंस गार्ड्स के साथ जाइंट आपरेशन किए जा रहे हैं। इस कोआर्डिनेशन से इंटेलिजेंस शेयरिंग मजबूत हुई है और जमीन पर तेजी से और ज्यादा सटीक एक्शन लेने में मदद मिली है।
रक्षा सूत्रों ने बताया कि सेना बाकी बचे आतंकवादी ग्रुप्स को अलग-थलग करने और बेअसर करने और सर्दियों के दौरान उन्हें आबादी वाले इलाकों में घुसने से रोकने पर फोकस कर रही है।

सेना सर्विलांस-स्विफ्ट आप्स-सर्विलांस डाक्ट्रिन फालो कर रही है ताकि यह पक्का किया जा सके कि आतंकवादी मुश्किल मौसम में फिर से इकट्ठा न हों। मूवमेंट का पता लगाने, हीट सिग्नेचर को ट्रैक करने और संभावित घुसपैठ और मूवमेंट रूट्स की पहचान करने के लिए ड्रोन-बेस्ड टोही, ग्राउंड सेंसर और सर्विलांस रडार जैसी कई तरह की टेक्नोलाजी का इस्तेमाल किया जा रहा है।

आतंकवादियों को इलाके में फिर से इकट्ठा होने या सुरक्षित ठिकाने बनाने का कोई मौका न देने के लिए आपरेशन सर्दियों में भी जारी रहने की उम्मीद है।

Web Title: A serious terrorist threat looms in Jammu and Kashmir! It is claimed that more than four dozen terrorists have infiltrated the region

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