CBI रिटायर्ट चीफ ने मोदी सरकार पर लगाया गंभीर अरोप, कहा- अस्थाना की जगह मैं बनने वाला था निदेशक
By धीरज पाल | Published: November 3, 2018 05:47 PM2018-11-03T17:47:21+5:302018-11-03T17:47:21+5:30
पिछले साल अक्टूबर में रूपक दत्ता रिटायर्ट हुए हैं। फिलहाल वो अभी कर्नाटक मानवाधिकार आयोग से जुड़े हुए हैं।
रिटायर्ड IPS ऑफिसर रूपक दत्ता ने मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाया है। रूपक दत्ता ने कहा कि दो साल पहले मैं सीबीआई निदेशक बनने वाला था। उन्होंने यह बात द टेलीग्राफ अखबार से की। रिटायर्ट होने के बाद रूपक दत्ता ने मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि मोदी सरकार ने गुजरात कैडर के राकेश अस्थाना को निदेशक बनाने के लिए मुझे दरकिनार कर दिया गया। मालूम हो कि सीबीआई निदेशक अस्थाना घूसकोरी कांड में आरोपी हैं। इनके खिलाफ सीबीआई जांच कर रही है। सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना को 24 अक्टूबर से कार्यमुक्त कर दिया गया था।
रिटायर्ड ऑफिसर रूपक दत्ता ने अपने साक्षात्कार में बताया कि साल 2016 में वे सीबीआई के विशेष निदेशक थे और उनको विश्वसा है कि उनका ट्रांसफर गृह मंत्रालय में कर दिया गया था ताकि अस्थाना सीबीआई के चीफ बन जाए।
पिछले साल अक्टूबर में रूपक दत्ता रिटायर्ट हुए हैं। फिलहाल वो अभी कर्नाटक मानवाधिकार आयोग से जुड़े हुए हैं। उन्होंने साक्षात्कार के दौरान उन्होंने कहा कि सीबीआई में जारी अंदरूनी कलह से हैरान नहीं हैं।
पिछले साल अक्टूबर में सेवानिवृत्त दत्ता और कर्नाटक मानवाधिकार आयोग के साथ अब कहा गया है कि वह सीबीआई को खुद को मिली गड़बड़ी से आश्चर्यचकित नहीं था, सरकार को "वफादार कार्यों" लोगों को वफादार लोगों के साथ अपनी शीर्ष पदों के कारण देखते हुए।
एजेंसी निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक अस्थाना को इस साल 24 अक्टूबर को सार्वजनिक रूप से कड़वी झगड़ा लड़ने, एक दूसरे के खिलाफ रिश्वत के आरोपों को तोड़ने के बाद, और अब जांच की जा रही है। बता दें कि रिटायर्ड होने के बाद रूपक दत्ता ने पहली बार अचानक से रिटायर्ट वाली बात का खुलासा किया है। अखबार से दत्ता ने कहा किजो हम देख रहे हैं, वह भगवान की करनी है, सरकार की जोड़-तोड़ का नतीजा है।
दत्ता के मुताबिक साल 2016 के दिसंबर महीने में सीबीआई निदेशक अनिल सिन्हा के रिटायर होने के तीन दिन पहले ही उन्हें अचानक से ट्रांसफर कर दिया गया था। उस वक्त वो वरिष्ठता में सबसे आगे थे इसलिए वो सीबीआई निदेश बन सकते थे। बता दें कि अनिल सिन्हा के बाद एडिशनल डायरेक्टर रहे अस्थाना एजंसी के सबसे वरिष्ठ अधिकारी बन गए थे। उन्होंने कहा कि सरकार ने पहले ही तय कर लिया था कि सीबीआई के चीफ की कमनान अस्थाना को सौंपनी है। इसकी वजह से मुझे हटाकर 2 दिसंबर को अस्थान को अंतरिम निदेशक बना दिया।