बेटे को दाखिला दिलाने के लिए झूठी पहचान बनाने के आरोप में एक व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज

By भाषा | Updated: October 20, 2021 20:06 IST2021-10-20T20:06:33+5:302021-10-20T20:06:33+5:30

A case has been registered against a person for making a false identity to get his son admitted. | बेटे को दाखिला दिलाने के लिए झूठी पहचान बनाने के आरोप में एक व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज

बेटे को दाखिला दिलाने के लिए झूठी पहचान बनाने के आरोप में एक व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज

नयी दिल्ली, 20 अक्टूबर यहां आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) कोटे के तहत एक प्रतिष्ठित स्कूल में दाखिला दिलाने के लिए खुद को एक गरीब परिवार से बताकर कथित तौर पर अपनी झूठी पहचान बनाने के लिए एक व्यक्ति के खिलाफ एक आपराधिक मामला दर्ज किया गया जिससे उस अमीर पिता के अपने बच्चों को प्रतिष्ठित स्कूलों में शिक्षा देने के सपने ने उन्हें मुश्किल में डाल दिया है।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत कथित धोखाधड़ी, जालसाजी और आपराधिक साजिश के एक मामले में व्यक्ति को अग्रिम जमानत दे दी।

निजी स्कूल की ओर से एक शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि उस व्यक्ति ने अपने बेटे और पिता का नाम अवैध रूप से बदल दिया था और साथ ही आवासीय पता भी बदल दिया था और खुद को एक गरीब परिवार से दिखाया, और 2019 में ईडब्ल्यूएस कोटे के तहत नर्सरी कक्षा में बच्चे का दाखिला कराया। इसके अलावा बच्चे का यहां के एक अन्य नामी निजी स्कूल में दाखिला कराया गया।

पुलिस ने अपनी स्थिति रिपोर्ट में कहा कि कई मौकों पर बच्चे ने दूसरे नाम से पुकारे जाने पर आपत्ति जताई थी और सभी से उसे उसके असली नाम से बुलाने के लिए कहा और उसने उसके माता-पिता के असली नाम भी बताए।

जांच के दौरान पता चला कि एक व्यक्ति नियमित रूप से बच्चे को स्कूल से बाइक से उसे कुछ दूरी तक ले जाता था जहां नाबालिग की कार खड़ी होती थीं और फिर उसे कार में उसके दिल्ली के पॉश इलाके में स्थित असली घर तक छोड़ दिया जाता था।

पुलिस ने कहा कि याचिकाकर्ता के बेटे के फर्जी दाखिले के कारण, एक वास्तविक ईडब्ल्यूएस श्रेणी का छात्र यहां के प्रतिष्ठित स्कूल में दाखिला पाने से वंचित रह गया।

न्यायमूर्ति अनु मल्होत्रा ​​ने कहा कि भारतीय दंड संहिता की धारा 419 (प्रतिरूपण द्वारा धोखाधड़ी), 420 (धोखाधड़ी), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी), 471 (जाली दस्तावेज को वास्तविक के रूप में उपयोग करना) और 120बी (आपराधिक साजिश) के तहत यह दंडनीय अपराध है या नहीं, यह सुनवाई का विषय है।

अदालत ने कहा कि इस बात का संकेत देने के लिए कुछ भी नहीं है कि अभियोजन पक्ष के गवाहों को प्रभावित करने की क्षमता से यह व्यक्ति न्याय से भाग जाएगा।

अदालत ने कहा कि गिरफ्तारी की स्थिति में, व्यक्ति को एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत पर रिहा किया जाएगा और उसे निर्देश दिया कि वह देश छोड़कर न जाए और जब भी आवश्यक हो निचली अदालत के सामने पेश हो।

उच्च न्यायालय ने उस व्यक्ति को यह भी निर्देश दिया कि वह अपना मोबाइल फोन हमेशा चालू रखे।

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Web Title: A case has been registered against a person for making a false identity to get his son admitted.

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