लाइव न्यूज़ :

सुप्रीम कोर्ट के फैसले को CM केजरीवाल ने बताया दिल्ली की जनता और लोकतंत्र के लिए जीत

By रामदीप मिश्रा | Updated: July 4, 2018 11:56 IST

चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा सहित सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की संविधान पीठ ने यह फैसला सुनाया। दिल्ली के सीएम और एलजी के अधिकारों पर चल रही सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के 3 जजों ने एक तरह से शर्तों के साथ दिल्ली का बॉस दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को माना है।

Open in App

नई दिल्ली, 04 जुलाई: दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के नेता अरविंद केजरीवाल और राज्य के उपराज्यपाल अनिल बैजल के बीच लंबे समय से जंग जारी थी, जिस पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। साथ ही साथ दोनों लोगों को आपसी तालमेल से कार्य करने के लिए कहा गया है। इधर, सीएम केजरीवाल ने कोर्ट का फैसले को दिल्ली की जनता और लोकतंत्र की जीत बताया है।

उन्होंने कोर्ट के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया, 'दिल्ली के लोगों की बड़ी विजय...लोकतंत्र के लिए एक बड़ी विजय।' वहीं, दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट का एक ऐतिहासिक निर्णय है। अब दिल्ली सरकार को अपनी फाइलें एलजी को मंजूरी के लिए नहीं भेजनी पड़ेगी, अब काम बंद नहीं होगा। मैं सुप्रीम कोर्ट को  धन्यवाद देता हूं। 

आपको बता दें, चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा सहित सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की संविधान पीठ ने यह फैसला सुनाया। दिल्ली के सीएम और एलजी के अधिकारों पर चल रही सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के 3 जजों ने एक तरह से शर्तों के साथ दिल्ली का बॉस दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को माना है। इस दौरान जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा है कि दिल्ली सरकार को हर फैसले में एलजी की सहमति लेने  की जरूरत नहीं है। लेकिन, उपराज्यपाल भी सारे मामले राष्ट्रपति को नहीं भेजेंगे। 

ये भी पढ़ें-सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को माना दिल्ली का 'बॉस', चुनी हई सरकार अहम, LG की सहमति जरूरी नहीं

सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों ने अपनी टिप्पणी में कहा कि जनमत के साथ अगर सरकार का गठन हुआ है, तो उसका अपना महत्व है। तीन जजों ने कहा कि एलजी को दिल्ली सरकार की सलाह से काम करना चाहिए। केजरीवाल और एलजी के अधिकारों सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि एलजी दिल्ली सरकार के साथ मिलकर काम करें। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि चुनी हुई सरकार के काम में एलजी बाधा नहीं डाल सकते। 

एससी ने कहा कि हर मामले में एलजी की इजाजत की जरूरत नहीं। एलजी कैबिनेट की सलाह से काम करें। संसद का कानून और लोकतांत्रिक मूल्य सर्वोच्च हैं। सरकार जनता के लिए उपलब्ध होनी चाहिए। कैबिनेट संसद के प्रति जवाबदेह है और शक्ति एक जगह केंद्रित नहीं हो सकती है।

वहीं, दिल्ली को पूर्ण राज्य देने के मामले में चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं मिलेगा। एलजी ही दिल्ली के प्रसाशक हैं, लेकिन जनमत का महत्व है। 

आपको बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट ने अगस्त 2016 के एक फैसले में दिल्ली के उपराज्यपाल को राष्ट्रीय राजधानी का प्रशासनिक मुखिया घोषित किया था। दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट दिल्ली सरकार की इस अपील पर महत्वपूर्ण फैसला सुनाया। लोकमत न्यूज के लेटेस्ट यूट्यूब वीडियो और स्पेशल पैकेज के लिए यहाँ क्लिक कर के सब्सक्राइब करें।

टॅग्स :अरविन्द केजरीवालअनिल बैजलसुप्रीम कोर्टदिल्ली
Open in App

संबंधित खबरें

भारतIndiGo Crisis: इंडिगो ने 5वें दिन की सैकड़ों उड़ानें की रद्द, दिल्ली-मुंबई समेत कई शहरों में हवाई यात्रा प्रभावित

क्राइम अलर्टDelhi: जाफराबाद में सड़क पर झड़प, गोलीबारी के बाद 3 गिरफ्तार

भारतIndiGo Flights Cancelled: इंडिगो ने दिल्ली से सभी फ्लाइट्स आज रात तक की बंद, यात्रियों के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी

भारतDelhi Traffic Advisory: पुतिन के दौरे को लेकर दिल्ली में ट्रैफिक एडवाइजरी जारी, इन रास्तों पर जाने की मनाही; चेक करें

भारतIndiGo Flight Crisis: 8 एयरपोर्ट पर 100 से ज्यादा उड़ानें रद्द, यहां देखें दिल्ली-मुंबई समेत शहरों की इंडिगो फ्लाइट लिस्ट

भारत अधिक खबरें

भारत2026 विधानसभा चुनाव से पहले बंगाल में हलचल, मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद की आधारशिला, हुमायूं कबीर ने धर्मगुरुओं के साथ मिलकर फीता काटा, वीडियो

भारतमहाराष्ट्र महागठबंधन सरकारः चुनाव से चुनाव तक ही बीता पहला साल

भारतHardoi Fire: हरदोई में फैक्ट्री में भीषण आग, दमकल की गाड़ियां मौके पर मौजूद

भारतबाबासाहब ने मंत्री पद छोड़ते ही तुरंत खाली किया था बंगला

भारतWest Bengal: मुर्शिदाबाद में ‘बाबरी शैली की मस्जिद’ के शिलान्यास को देखते हुए हाई अलर्ट, सुरक्षा कड़ी