मुंबई: महाराष्ट्र में कोविड-19 के करीब 83 फीसदी मरीज ऐसे हैं, जिनमें बीमारी के लक्षण नहीं हैं और इनमें से 20 फीसदी स्वस्थ हो चुके हैं। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। टोपे ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि राज्य में इस महामारी से मृतकों की दर कम होकर 3.5 फीसदी पर आ गई है जबकि संक्रमण के मामले दोगुने होने की औसत दर राष्ट्रीय औसत से अधिक है।
उन्होंने जालना में संवाददाताओं से कहा कि महाराष्ट्र के 36 में से 14 जिले रेड जोन में हैं, 16 ओरेंज और छह जिले ग्रीन जोन में हैं। टोपे ने कहा कि मुंबई में एक 2,000 बिस्तरों का अस्पताल तैयार किया गया है, जहां घनी आबादी क्षेत्र में रहने वाले ऐसे बुजुर्ग नागरिकों को स्क्रीनिंग के बाद पृथक-वास में रखा जा सकेगा जोकि अन्य बीमारियों से ग्रसित हैं।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में राज्यभर में 733 निषिद्ध क्षेत्र हैं। महाराष्ट्र में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले 10,000 के पार पहुंच चुके हैं।
देश भर में जारी कोरोना महामारी को रोकने के लिए केंद्र सरकार द्वारा लगाए गए लॉकडाउन की अवधी बढ़ाकर 17 मई कर दी गई है। ऐसे में लॉकडाउन के बाद स्थिति को देखते हुए हर राज्य सरकार अपने स्तर पर लॉकडाउन को लेकर फैसला लेगी।
महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने इस मामले में कहा है कि हम 3 मई के बाद जरूर कुछ क्षेत्रों की स्थिति को देखते हुए छूट देंगे, लेकिन सतर्क रहें और सहयोग करें। नहीं तो पिछले कुछ दिनों में हमने जो कुछ भी हासिल किया है वह खो जाएगा। इसलिए हम धैर्य और सावधानी के साथ आगे बढ़ेंगे।
इसके अलावा, बता दें कि महाराष्ट्र पुलिस ने निषेधाज्ञा आदेश को सख्ती से लागू करते हुए राज्य भर में लॉकडाउन का उल्लंघन करने 85,500 से अधिक लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए और अभी तक 16,962 लोगों को गिरफ्तार किया है। एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को बताया कि मार्च से कोविड-19 से लड़ते और लॉकडाउन को लागू करते हुए पुलिस ने निषेधाज्ञा आदेश का उल्लंघन करने वाले 85,586 लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत मामले दर्ज किए।