‘‘मिक्सोपैथी" के खिलाफ मप्र में 8,000 डॉक्टरों ने काम-काज ठप किया

By भाषा | Updated: December 11, 2020 17:13 IST2020-12-11T17:13:14+5:302020-12-11T17:13:14+5:30

8,000 doctors stall work in MP against "mixopathy" | ‘‘मिक्सोपैथी" के खिलाफ मप्र में 8,000 डॉक्टरों ने काम-काज ठप किया

‘‘मिक्सोपैथी" के खिलाफ मप्र में 8,000 डॉक्टरों ने काम-काज ठप किया

इंदौर, 11 दिसंबर स्नातकोत्तर डिग्री के दौरान आयुर्वेद चिकित्सकों को सामान्य सर्जरी का प्रशिक्षण देने को लेकर केन्द्र सरकार के फैसले के खिलाफ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के राष्ट्रव्यापी आह्वान पर मध्यप्रदेश के करीब 8,000 डॉक्टरों ने शुक्रवार को काम-काज ठप कर दिया।

आईएमए की राज्य इकाई के उपाध्यक्ष संजय लोंढे ने बताया, "मिक्सोपैथी (आयुर्वेद चिकित्सकों को सामान्य सर्जरी के प्रशिक्षण के विरोध में आईएमए का प्रयुक्त शब्द) के खिलाफ राज्य में लगभग 8,000 डॉक्टरों शुक्रवार को काम नहीं किया। इनमें से ज्यादातर डॉक्टर निजी क्षेत्र के हैं।"

उन्होंने कहा, "हम आयुर्वेद के खिलाफ नहीं हैं। लेकिन आयुर्वेद चिकित्सकों को सामान्य सर्जरी की अनुमति दिए जाने से चिकित्सा जगत में गलत प्रवृत्तियों को बल मिलने की आशंका है जिसका सीधा खामियाजा आम मरीजों को भुगतना पड़ेगा।"

उन्होंने बताया कि आईएमए के एक दिवसीय विरोध प्रदर्शन को दंत चिकित्सकों और जूनियर डॉक्टरों ने भी समर्थन दिया। हालांकि, आपात चिकित्सा सेवाओं और कोविड-19 के मरीजों के इलाज को इस प्रदर्शन से मुक्त रखा गया था।

बहरहाल, राज्य के अस्पतालों पर आईएमए के विरोध प्रदर्शन का बड़ा असर देखने को नहीं मिला।

गौरतलब है कि आईएमए, केंद्रीय आयुष मंत्रालय के अधीन वैधानिक संस्था भारतीय चिकित्सा केंद्रीय परिषद (सीसीआईएम) की 19 नवंबर को जारी अधिसूचना को लेकर लगातार विरोध जता रहा है। इस अधिसूचना के तहत आयुर्वेद के शल्य चिकित्सा से जुड़े विशिष्ट स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के विद्यार्थियों को अध्ययन अवधि के दौरान अलग-अलग अंगों से जुड़े ऑपरेशन करने का व्यावहारिक प्रशिक्षण देने की मंजूरी दी गई है ताकि वे अपनी डिग्री पूरी करने के बाद इन प्रक्रियाओं को स्वतंत्र रूप से अंजाम दे सकें।

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Web Title: 8,000 doctors stall work in MP against "mixopathy"

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