मध्य प्रदेशः मौत के बाद 75 वर्षीय बुजुर्ग रखबचंद जैन तीन लोगों को दे गए नई जिंदगी

By भाषा | Updated: September 4, 2019 19:43 IST2019-09-04T19:43:57+5:302019-09-04T19:43:57+5:30

केंद्र सरकार की स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत सड़क चौड़ी करने के लिये सीतलामाता बाजार क्षेत्र से बाधक निर्माण हटाये जाने की मुहिम के दौरान सोमवार को मलबा गिरने से तलेरा बुरी तरह घायल हो गये थे। लगातार इलाज के बाद भी उनकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ और डॉक्टरों ने जांच के बाद उन्हें दिमागी रूप से मृत घोषित कर दिया था।

75-year-old man's organs donated three patients in indore madhya pradesh | मध्य प्रदेशः मौत के बाद 75 वर्षीय बुजुर्ग रखबचंद जैन तीन लोगों को दे गए नई जिंदगी

File Photo

Highlightsमध्यप्रदेश के इंदौर में दिमागी रूप से मृत 75 वर्षीय व्यक्ति के अंगदान से बुधवार को तीन जरूरतमंद मरीजों को नयी जिंदगी मिलने की राह आसान हो गयी। बुजुर्ग का लीवर और दोनों किडनी इन मरीजों के शरीर में प्रत्यारोपित किये गये।

मध्यप्रदेश के इंदौर में दिमागी रूप से मृत 75 वर्षीय व्यक्ति के अंगदान से बुधवार को तीन जरूरतमंद मरीजों को नयी जिंदगी मिलने की राह आसान हो गयी। बुजुर्ग का लीवर और दोनों किडनी इन मरीजों के शरीर में प्रत्यारोपित किये गये। अंगदान को बढ़ावा देने के लिये प्रदेश सरकार के साथ काम कर रहे स्वयंसेवी संगठन ‘मुस्कान’ ग्रुप के कार्यकर्ता जीतू बगानी ने बताया कि यहां एक हादसे में घायल होने के बाद अस्पताल में दिमागी रूप से मृत घोषित किये गये रखबचंद जैन तलेरा (75) का लीवर 50 वर्षीय पुरुष को प्रत्यारोपित किया गया।

उन्होंने बताया, "अलग-अलग अस्पतालों में हुए प्रत्यारोपण ऑपरेशनों के दौरान तलेरा की एक किडनी 35 वर्षीय पुरुष के शरीर में लगायी गयी, जबकि उनकी अन्य किडनी 44 वर्षीय महिला को प्रत्यारोपित की गयी।" तलेरा के बड़े बेटे संजय ने बताया कि उनके पिता पेशे से कपड़ा कारोबारी थे। उन्होंने अपने जीवनकाल में ही इच्छा जता दी थी कि उनकी मौत के बाद उनके अंग दान कर दिये जायें। कपड़ा कारोबारी ने वर्ष 2009 में मृत्युपरांत अंगदान का पंजीयन फॉर्म भी भर दिया था।

उन्होंने कहा, "मैंने अपने पिता की अंतिम इच्छा को पूरा कर दिया है। वह अब हमारे बीच नहीं हैं। लेकिन हमें इस बात का संतोष है कि उनके अंग दूसरे लोगों के शरीर का हिस्सा बनकर उन्हें नयी जिंदगी दे रहे हैं।"

अंगदानी के पुत्र ने बताया कि उनके पिता के अधिक उम्र में निधन के बाद भी प्रत्यारोपण के लिये उनके अंग मेडिकल जांच में मुफीद पाये गये। इसका कारण यह है कि जानलेवा हादसे से पहले तक उनकी दिनचर्या एकदम नियमित थी और उन्हें कोई गंभीर बीमारी नहीं थी।

अधिकारियों ने बताया कि केंद्र सरकार की स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत सड़क चौड़ी करने के लिये सीतलामाता बाजार क्षेत्र से बाधक निर्माण हटाये जाने की मुहिम के दौरान सोमवार को मलबा गिरने से तलेरा बुरी तरह घायल हो गये थे। लगातार इलाज के बाद भी उनकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ और डॉक्टरों ने जांच के बाद उन्हें दिमागी रूप से मृत घोषित कर दिया था।

Web Title: 75-year-old man's organs donated three patients in indore madhya pradesh

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे