संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार ने मंगलवार (04 फरवरी) को एक लिखित जवाब दिया है। लोकसभा में एक लिखित जवाब में गृह मंत्रालय ने कहा है कि 2019 में दिल्ली पुलिस ने सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा, गैरकानूनी सभा, पथराव, सार्वजनिक/व्यक्तिगत संपत्ति को नुकसान और गिरफ्तारियों की संख्या की रिपोर्ट किया है।
गृह मंत्रालय ने लोकसभा में कहा कि दिल्ली में सीएए के खिलाफ 66 विरोध प्रदर्शन हुए। 11 मामले दर्ज किए गए हैं, जिसमें 99 लोग गिरफ्तार किए गए हैं। इसके अलावा सरकार ने लोकसभा में कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर एनआरसी लाने के बारे में अभी तक कोई निर्णय नहीं हुआ है।
सरकार की ओर से यह बयान ऐसे समय में आया है जब देश के कई स्थानों पर संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के विरोध और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के मुद्दे पर प्रदर्शन हो रहे हैं। सरकार ने कहा कि अभी तक एनआरसी को राष्ट्रीय स्तर पर तैयार करने का कोई निर्णय नहीं लिया गया है। सदस्यों ने सवाल किया था कि क्या सरकार की पूरे देश में एनआरसी लाने की कोई योजना है?
लोकसभा में ही के नवासखनी ने एक प्रश्न में सरकार से जानना चाहा कि क्या मुस्लिम शरणार्थियों को अब भारत में नागरिकता प्रदान की जायेगी। इस पर गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लिखित उत्तर में कहा, ‘‘किसी भी श्रेणी के वैध प्रवासी देशीकरण अधिनियम की धारा 6 अथवा पंजीकरण अधिनियम की धारा 5 के माध्यम से भारतीय नागरिकता हासिल करने की मौजूदा कानूनी प्रक्रिया में कोई संशोधन नहीं हुआ है।’’
उन्होंने बताया कि पड़ोसी देशों के बहुसंख्यक लोगों वाले धर्म के कई प्रवासियों को भी उनके द्वारा सक्षम प्राधिकारी के समक्ष आवेदन किये जाने और उनके पात्र पाए जाने पर भारतीय नागरिकता प्रदान की गई । उन्होंने कहा कि भारत के सभी वैध प्रवासियों को, चाहे वे किसी भी धर्म के हों, नागरिकता अधिनियम 1955 के प्रावधानों के अनुसार, यदि वे पात्रता की शर्तो को पूरा करते हैं तो नागरिकता जारी रहेगी।
मंत्री ने अपने लिखित जवाब के साथ वर्ष 2010 के बाद से भारतीय नागरिकता प्रदान किये गए विदेशी नागरिकों का वर्षवार ब्यौरा दिया। इसके अनुसार, वर्ष 2010 से 2019 के बीच 21408 विदेशी नागरिकों को भारतीय नागरिकता प्रदान की गई।