लखनऊः मणिपुर की वर्तमान परिस्थितियों के चलते उत्तर प्रदेश के छात्रों को सुरक्षित निकालने के अभियान के तहत मंगलवार तक राज्य सरकार ने कुल 62 छात्रों को वहां से निकालकर सुरक्षित उनके घरों तक भेजा गया। एक सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक और छात्रों को भी अगले दो दिनों में सकुशल घर वापस लाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई हेल्पलाइन पर मणिपुर में प्रदेश के 136 छात्रों के होने की सूचना प्राप्त हुई है। इनमें आईआईटी मणिपुर के 52 छात्र, एनआईटी इम्फाल के 47 छात्र, स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी के 30 छात्र, मेडिकल कॉलेज के 2 छात्र, सेंट्रल एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के तीन छात्र और दो अन्य छात्र शामिल हैं।
इनमें सबसे ज्यादा लखनऊ के 17, प्रयागराज के 13, कानपुर नगर के 10, गाजियाबाद के 8, वाराणसी के 6, गाजीपुर के 8, नोएडा के 4 और अंबेडकर नगर के 4 छात्र हैं। टिकट की व्यवस्था राज्य सरकार कर रही है। छात्रों को सुरक्षित एयरपोर्ट तक लाने के लिए मणिपुर में प्रशासनिक अधिकारियों के साथ समन्वय किया गया।
यूपी सरकार के अनुरोध पर मणिपुर सरकार भी यूपी के छात्रों को एयरपोर्ट तक सुरक्षित पहुंचाने में मदद कर रही है। राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि एयरपोर्ट पर पहुंचने के बाद उन्हें सुरक्षित उनके घर पहुंचाया जाए। राहत आयुक्त प्रभु नारायण सिंह ने बताया कि सभी छात्र अलग-अलग रास्तों से दिल्ली के इंदिरा गांधी हवाईअड्डे पहुंचे हैं। वहां से उन्हें वॉल्वो बसों से उनके गंतव्य तक भेजा जा रहा है। कुछ छात्र मणिपुर से सीधे दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचे, जबकि अन्य को गुवाहाटी और कोलकाता के रास्ते दिल्ली लाया गया।
गौरतलब है कि मणिपुर में बहुसंख्यक मैतेई समुदाय द्वारा उसे अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में ‘ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन मणिपुर’ (एटीएसयूएम) की ओर से तीन मई को आयोजित ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के दौरान चुराचांदपुर जिले के तोरबंग क्षेत्र में हिंसा भड़क गई थी। देखते-देखते यह पूरे राज्य में फैल गई। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 60 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है वहीं सैकड़ों घायल हुए हैं। 20 हजार से ज्यादा लोग विस्थापित हो चुके हैं।