Top Morning News: कोरोना के खिलाफ 9PM 9Minutes, 15 अप्रैल को खुलेगा लॉकडाउन, सबसे बडे़ आर्थिक संकट के दौर में है भारत
By रामदीप मिश्रा | Published: April 6, 2020 06:34 AM2020-04-06T06:34:02+5:302020-04-06T06:34:02+5:30
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को कहा कि कोरोना संक्रमण के मद्देनजर घोषित लॉकडाउन आगामी 15 अप्रैल को खुलेगा। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी सांसदों और मंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान कहा "15 अप्रैल से लॉकडाउन समाप्त होगा तो दो काम करने होंगे।
कोरोना वायरस संकट से निपटने में राष्ट्र के 'सामूहिक संकल्प एवं एकजुटता' को प्रदर्शित करने के लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर ‘रविवार रात नौ बजे नौ मिनट तक’ करोड़ों देशवासियों ने अपने घरों की बत्तियां बुझा दीं और दीये, मोमबत्ती तथा मोबाइल फोन की फ्लैशलाइट जलाई। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, केंद्रीय मंत्री अमित शाह, राजनाथ सिंह और भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी सहित अनेक केन्द्रीय मंत्रियों और तमाम फिल्मी हस्तियों ने दीप जलाकर इस अभियान के प्रति अपनी एकजुटता प्रकट की। नायडू ने यहां स्थित अपने आवास पर रात नौ बजे अपनी पत्नी उषा के साथ दीप जलाकर कोरोना के संकट से निपटने में देश की जनता के साथ अपनी एकजुटता प्रदर्शित की। उपराष्ट्रपति कार्यालय द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि नायडू ने, दीप और मोमबत्ती प्रज्जवलित करने के इस अभियान को व्यापक जन समर्थन देने और इसमें बड़ी संख्या में सम्मिलित होने के लिए, देशवासियों की प्रशंसा की। मोदी ने शुक्रवार को लोगों से अनुरोध किया था कि वे कोरोना वायरस को पराजित करने के लिये सामूहिक संकल्प और एकजुटता प्रदर्शित करने के लिये रविवार रात नौ बजे नौ मिनट के लिये लाइट बुझा दें। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने दीये जलाने के शीघ्र बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि यह एक छोटा सा कार्य देश की एकजुटता का एक बड़ा संदेश लिये हुए हैं।
योगी ने कहा- 15 अप्रैल को खुलेगा लॉकडाउन
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को कहा कि कोरोना संक्रमण के मद्देनजर घोषित लॉकडाउन आगामी 15 अप्रैल को खुलेगा। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी सांसदों और मंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान कहा "15 अप्रैल से लॉकडाउन समाप्त होगा तो दो काम करने होंगे। जब 15 अप्रैल को हम लॉकडाउन खोलेंगे तो एकाएक जमावड़ा ना होने पाए, इसमें आपकी सहभागिता और सहयोग चाहिए होगा।" उन्होंने कहा "चूंकि 15 अप्रैल को हम जैसे ही लॉकडाउन खोलेंगे और एकाएक भीड़ जुट जाएगी तो सारी मेहनत पर पानी फिर जाएगा। इसके लिए मैं चाहूंगा कि हम लोग एक व्यवस्था बनाएं। मैं इसके लिए आप लोगों से सुझाव भी चाहूंगा। आप अपना सुझाव लिखकर भेजें कि क्या होना चाहिए।" मुख्यमंत्री ने कहा कि सांसदों का आम जनता से सीधा संवाद होता है। राज्य सरकार ने ठेला, खोमचा, पल्लेदार, रिक्शा, ई-रिक्शा आदि चलाने वाले दिहाड़ी मजदूरों को राहत पहुंचाने के लिए उनके बैंक खातों में 1000 रुपये भेजने की घोषणा की है। मगर, ऐसे अधिकतर व्यक्तियों के बैंक खाते उपलब्ध नहीं हैं। उन्होंने सांसद गण से अनुरोध किया कि सोशल मीडिया, टेलीफोन आदि के माध्यम से ऐसे व्यक्तियों के खाते उपलब्ध कराने में सहयोग करें।
सबसे बडे़ आर्थिक संकट के दौर में है भारत: राजन
रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर एवं अर्थशास्त्री रघुराम राजन ने कोरोना वायरस के कारण उपस्थित चुनौतियों के मद्देनजर कहा कि देश आर्थिक लिहाज से आजादी के बाद के सबसे आपातकालीन दौर में है। उन्होंने कहा कि सरकार को इससे निकलने के लिये विपक्षी दलों समेत विशेषज्ञों की मदद लेनी चाहिये। राजन ने ‘हालिया समय में संभवत: भारत की सबसे बड़ी चुनौती’ शीर्षक से एक ब्लॉग पोस्ट में यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा, ‘‘यह आर्थिक लिहाज से संभवत: आजादी के बाद की सबसे बड़ी आपात स्थिति है। ‘2008-09 के वैश्विक वित्तीय संकट के दौरान मांग में भारी कमी आयी थी, लेकिन तब हमारे कामगार काम पर जा रहे थे, हमारी कंपनियां सालों की ठोस वृद्धि के कारण मजबूत थीं, हमारी वित्तीय प्रणाली बेहतर स्थिति में थी और सरकार के वित्तीय संसाधन भी अच्छे हालात में थे। अभी जब हम कोरोना वायरस महामारी से जूझ रहे हैं, इनमें से कुछ भी सही नहीं हैं।’’ हालांकि उन्होंने कहा कि यदि उचित तरीके तथा प्राथमिकता के साथ काम किया जाये तो भारत के पास ताकत के इतने स्रोत हैं कि वह महामारी से न सिर्फ उबर सकता है बल्कि भविष्य के लिये ठोस बुनियाद भी तैयार कर सकता।
कोरोना : वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से अदालतों के कामकाज
उच्चतम न्यायालय सोमवार को एक मामले पर सुनवाई करेगा जो कोरोना वायरस महामारी के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अदालतों के कामकाज के लिए दिशानिर्देश तैयार करने से जुड़ा हुआ है। प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ स्वत: संज्ञान लेते हुए सूचीबद्ध मामले में दोपहर 12.30 बजे सुनवाई करेगी। पीठ में न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ तथा न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव भी शामिल हैं। कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए 25 मार्च से देश भर में लागू लॉकडाउन के मद्देनजर न्यायालय वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बेहद जरूरी मामलों की सुनवाई कर रहा है। इनमें जमानत और प्रवासी श्रमिकों की मुश्किलों से संबंधित मामले शामिल हैं। न्यायालय ने एक परिपत्र जारी किया था कि केवल अत्यावश्यक मामलों की ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की जाएगी।
भारत में कोविड-19 से 83 लोगों की मौत
देश में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना वायरस के संक्रमण के मामलों में 505 और मरने वालों की संख्या में 11 का इजाफा होने के साथ ही रविवार को मरीजों की संख्या बढ़कर 3,577 हो गयी, जबकि मृतकों की संख्या 83 पर पहुंच गयी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक देश में कोविड-19 से संक्रमित 3219 लोगों का उपचार चल रहा है, जबकि 274 लोग स्वस्थ हो गए हैं या उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है तथा एक अन्य व्यक्ति दूसरे देश चला गया है। हालांकि, राज्यों द्वारा दी गई जानकारी पर आधारित पीटीआई-भाषा की तालिका के अनुसार, देशभर में कम से कम 110 लोगों की मौत हुई है जबकि रविवार सुबह तक संक्रमण के मामले बढ़कर 3,959 हो गए। इनमें से 306 लोग ठीक हो गए और उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। अलग-अलग राज्यों द्वारा दिए गए आंकड़ों के मुकाबले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़े कम हैं। अधिकारियों ने अलग-अलग राज्यों के मामले देने में प्रक्रियागत देरी को इसकी वजह बताया है।